Tag: Marketism
लोकतांत्रिक अस्वतंत्रता या अलोकतांत्रिक स्वतंत्रता
— नंदकिशोर आचार्य —
लगभग सभी अर्थशास्त्री और हमारे नीति-निर्माता इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि राज्य को अपने को आर्थिक क्षेत्र से...
बाजारवाद का अधूरा विरोध
— राजकिशोर —
भारत में बाजार व्यवस्था के दुष्परिणाम जैसे-जैसे सामने आ रहे हैं, उसके विरोधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। सभ्यता के इतिहास...
उपभोक्तावादी संस्कृति का जाल – सच्चिदानंद सिन्हा : दूसरी किस्त
(मूर्धन्य समाजवादी चिंतक सच्चिदानन्द सिन्हा ने उपभोक्तावादी संस्कृति के बारे में आगाह करने के मकसद से एक पुस्तिका काफी पहले लिखी थी। इस पुस्तिका...