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सोहनलाल द्विवेदी की कविता

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नकली शेर सुनो गधे की एक कहानी, उसने की कैसी शैतानी। जब होती थी रात घनेरी, तब करता था वह नित फेरी। चुपके चुपके बाहर जाता, खेतों से गेहूँ खा...

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