Tag: poems of Arpan Kumar
अर्पण कुमार की कविताएँ
जंगल-डायरी
एक
वह जैसे कोई वन
ख़ूब घना और अपना-सा
विविधताओं को आश्रय देता
पालता-पोसता और दुलारता सबको
करता हरेक के लिए
कुछ-न-कुछ
उतरता हरेक में थोड़ा-थोड़ा
उसी वन-वन विचरे
भुलाए न भूले
मेरा मन...