Tag: Vanshi Maheshwari
वंशी माहेश्वरी की दस कविताएँ
स्मृति आत्म-द्वीप का खुला आकाश है
एक
घनी पत्तियों से ढँकी
स्मृति
अर्घ्य देते सूर्य के बिम्ब में
सूख जाती है।
दो
शब्दों की वेशभूषा
ढाँप लेती है
रक्षा कवच
रंगों से उड़ते रंग
उड़ते...