2 जून, पटना। ‘युवा हल्ला बोल’ ने बिहार के माध्यमिक शिक्षकों की बदहाली का मुद्दा मजबूती से उठाया है। ‘युवा हल्ला बोल’ की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य डॉ. अखिलेश कुमार ने बिहार सरकार से मांग की है कि STET 2019 उत्तीर्ण 37 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों की जल्द नियुक्ति की जाए। हर बहाली को किसी न किसी बहाने लटकाना नीतीश सरकार का चरित्र हो गया है। लेकिन बेरोजगार युवा अब अपने अधिकार के लिए ‘युवा हल्ला बोल’ के नेतृत्व में एकजुट हो रहे हैं।
बेरोजगारी की समस्या के कारण आज लाखों युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। दूसरी ओर भारी संख्या में सरकारी पद रिक्त पड़े हैं। लेकिन राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में यह मुद्दा कहीं दिखता नहीं। न तो केंद्र सरकार और न ही राज्य सरकार युवाओं की सुध ले रही है।
बिहार में 94000 प्राथमिक शिक्षकों और लगभग 37000 हजार माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षकों की बहाली बहुत लंबे समय से लंबित है जिस वजह से लगभग डेढ़ लाख अभ्यर्थी तथा उनके परिवार वाले मानसिक प्रताड़ना व अवसाद से गुजर रहे हैं। पिछले कई महीनों से ये सभी अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। प्रारंभ से ही गोविंद मिश्रा के समन्वय में ‘युवा हल्ला बोल’ की पूरी टीम हर कदम पर बिहार के उत्तीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है।
ज्ञात हो कि ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने बेरोजगारी के मुद्दे को राष्ट्रीय बहस बनाने में एक अहम भूमिका निभायी है। इन्हीं आंदोलनों का नतीजा रहा है कि कई राज्य सरकारों ने बहाली को लेकर थोड़ी बहुत सुगबुगाहट भी दिखाई है। अपनी सक्रियता के बल पर ‘युवा हल्ला बोल’ लॉकडाउन के दौरान भी सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए सरकार पर दबाव बनाने में कुछ हद तक सफल हुआ।
युवा हल्ला बोल ने कहा है कि जब तक बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हो जाती यह अभियान जारी रहेगा। अगर इन अभियानों के बाद भी बिहार सरकार उचित कार्रवाई नहीं करती है तो युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम स्वयं राजधानी पटना आकर महापंचायत का आयोजन करेंगे।
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