Home » इलाहाबाद में ‘छात्र-युवा पंचायत’

इलाहाबाद में ‘छात्र-युवा पंचायत’

by Rajendra Rajan
0 comment 8 views

समता मार्ग

इलाहाबाद। किसान पंचायतों के बाद देश में अब छात्र-युवा पंचायतों की शुरुआत हो चुकी है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में बुधवार 24 मार्च को छात्र-युवा पंचायत बुलाई गई जिसमें बड़े पैमाने पर रोज़गार तलाश रहे आम छात्रों के साथ शहर के तमाम छात्र-युवा संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की। सरकारी भर्तियों में देरी, नौकरियों में कटौती समेत रोज़गार के कई महत्वपूर्ण सवालों को ‘छात्र-युवा पंचायत’ में उठाया गया।
छात्र युवा पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित कर सभी प्रमुख मांगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की गयी। देश में रोजगार के सवाल को बहस का मुद्दा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले ‘युवा हल्ला बोल’ के संस्थापक अनुपम ने कहा कि रोजगार के नाम बड़े बड़े वादे कर आई सरकार आज रोजगार और सरकारी नौकरियों के नाम पर झूठा प्रचार करने में जनता का पैसा बर्बाद कर रही है।
गौरतलब है कि इलाहाबाद से लगातार बेरोजगार युवाओं के आत्महत्या करने की खबर आ रही है। पिछले पांच महीनों में छह युवाओं ने इस व्यवस्था से नाउम्मीद होकर फाँसी लगा ली। पंचायत में युवा नेता अभिषेक यादव ने कहा, ‘सरकार के पास अब नौजवानों को बचाने की कोई नीति नहीं है। इसलिए इन्हें वोट की चोट से ही जवाब देना पड़ेगा।’
युवा हल्ला बोल से जुड़े वीडीओ के सफल अभ्यर्थी हिमांशु, जिनकी डेढ़ साल से भर्ती अटकी हुई है, कहते हैं, “हमने सारे रास्ते अपनाकर देखे, सांसदों से मिले, मंत्रियों को चिट्ठी लिखी और लखनऊ में प्रदर्शन भी किया लेकिन यह सरकार अभी तक हमारी भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाई। हमने अब छात्र युवा पंचायत से अपनी बात देशभर में पहुंचाने की ठानी है।”
युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह और संयोजक राजेश सचान ने भी रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की माँग की। सभा में राघवेंद्र, अविनाश विद्यार्थी, अखिलेश गुप्ता गुड्डू, अंगद यादव, सत्यम सिंह सनी, अवनीश, ऋषि प्रवक्ता, शोध छात्रा नेहा यादव ने भी अपनी बात रखी। आइसा और एनएसयूआई समेत शहर के तमाम छात्र युवा संगठनों ने पंचायत में हिस्सेदारी की।
पंचायत में प्रतिज्ञा पत्र पारित किया गया, जिसमें कहा गया है, “हम भारत के छात्र युवा नौजवान प्रण लेते हैं कि अपने देश को बेरोज़गारी के अंधकार में डूबने नहीं देंगे। हम प्रतिज्ञा लेते हैं कि एक बेहतर भारत बनाकर देश को समृद्धि और विकास की नई राह पर ले जाएंगे।”
सभा में आमराय से निम्नलिखित मांग उठाई गई-
• सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए ‘मॉडल एग्जाम कोड’ लागू करके 9 महीनों के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूरी की जाए और आवश्यकता अनुसार सभी विभागों में स्वीकृत पदों की संख्या बढ़ाई जाए। साथ ही अटकी पड़ी सभी भर्तियों के संबंधित आयोग उनका कैलेंडर जारी करके समयबद्ध ढंग से प्रक्रिया पूरी करें।
• भारत के युवाओं के लिए रोजगार कोई खैरात नहीं बल्कि मौलिक अधिकार हो ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूती से पटरी पर टिकी रहे।
• दशकों की मेहनत से खड़े किए गए सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी बैंकों को बेचना बंद किया जाए।
• सरकार में संयुक्त सचिव और निदेशकों के पद पर की जा रही लेटरल एंट्री पर रोक लगाई जाए।

You may also like

Leave a Comment

हमारे बारे में

वेब पोर्टल समता मार्ग  एक पत्रकारीय उद्यम जरूर है, पर प्रचलित या पेशेवर अर्थ में नहीं। यह राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक समूह का प्रयास है।

फ़ीचर पोस्ट

Newsletter

Subscribe our newsletter for latest news. Let's stay updated!