हरियाणा के नए कानून का विरोध

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समता मार्ग

चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पगचिह्नों पर चलते हुए हरियाणा की खट्टर सरकार भी एक ऐसा कानून बनाने जा रही है जिसका मकसद साफतौर पर आंदोलन को सरकारी मशीनरी के सहारे और भयादोहन के जरिए कुचलना है। पिछले दिनों खट्टर सरकार ने विधानसभा में (लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधेयक 2021) पेश किया। हालांकि खट्टर सरकार ने सरकार ने सफाई दी है कि मौजूदा किसान आंदोलन से इस बिल का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन यह सफाई शायद ही किसी के गले उतरे। यह किसी से छिपा नहीं है कि किसान आंदोलन ने हरियाणा में बीजेपी की नींद हराम कर दी है। एक समय बीजेपी ने सतलज यमुना लिंक नहर का मसला उठाकर पंजाब के किसानों के खिलाफ हरियाणा के किसानों को भड़काने की कोशिश की थी। इस तरह के हथकंडे नाकाम हो गए और हरियाणा के गांवों में बीजेपी नेताओं का जाना मुश्किल हो गया, तो अब किसान आंदोलन से निपटने के लिए खट्टर सरकार ऐसा कानून लाई है जिसका मकसद किसानों को झूठे मामलों में फंसाना और डराना है। इसीलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बिल का कड़ा विरोध करते हुए इस फौरन वापस लेने की मांग की है। मोर्चा ने कहा है कि हरियाणा सरकार इस गलतफहमी में न रहे कि उसके ऐसे हथकंडे से किसान डर जाएंगे, बल्कि इससे किसानों में राज्य सरकार के प्रति रोष और बढ़ेगा।

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