1 अप्रैल। अकल्पनीय खबर देखी।अंदर तक हिल गया। ललितपुर के नेताजी राजेन्द्र रजक नहीं रहे। कल रात 11:30 बजे हृदयाघात से उनका असामयिक निधन हो गया। ललितपुर के गांधी के तौर पर विख्यात समाजवादी साथी का अचानक हमें छोड़ जाना अत्यंत दुखद है ।
हम लगातार बात करते रहते थे। 1 जनवरी को पृथ्वीपुर में और 12 जनवरी मुलतापी में मिलना तय हुआ था परंतु 1 का मेरा कार्यक्रम नहीं बना और 12 को वे नहीं पहुंच सके।
सांची के समाजवादी युवा नेतृत्व प्रशिक्षण शिविर में साथी मुनीन्द्र और 20 युवाओं के साथ मिले थे। बैंगलोर और ग्वालियर में हुए समाजवादी समागम में वे दलबल सहित आए थे। उनके साथ समाजवादी समागम को लेकर तमाम योजनाएं बनी थीं ,जो अब कभी पूरी नहीं हो सकेंगी ।
प्रसिद्ध समाजवादी शादीलाल दुबे जी के नजदीकी सहयोगी रहे। सदा आंदोलनरत रहे राजेन्द्र रजक जी।
सालाना कई कार्यक्रम किया करते थे।हर समय आमंत्रित करते थे। 12 जनवरी को ही उनका बड़ा कार्यक्रम हुआ करता था। शहीद किसान स्मृति सम्मेलन की वजह से कभी नहीं जा सका।
अपने दिल के बहुत करीब वैचारिक साथी के निधन ने मुझे अंदर तक हिला दिया है।
किसान संघर्ष समिति, समाजवादी समागम के सभी साथियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि। ईश्वर उनके परिवार को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति दे, यही कामना करता हूँ।
मिट्टी सत्याग्रह यात्रा में हूँ। अपने प्रिय साथी के अंतिम दर्शन भी नहीं कर सकूंगा यह अत्यंत पीड़ादायक है। वे लगातार कहते थे कि पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त होकर आपके साथ ही रहूंगा। वैसे भी वे आजीवन समाजवादी पूर्णकालिक कार्यकर्ता ही रहे।
राजेन्द्र रजक जी ने युवा पीढ़ी को समाजवादी विचार से प्रशिक्षित किया है। अब ललितपुर में और बुन्देलखंड में समाजवादी आंदोलन की अलख जलाए रखना उन युवाओं की जिम्मेदारी होगी।
– सुनीलम (फेसबुक से)
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.