17 अप्रैल। संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा है कि किसानों के बीच भय का माहौल बनाने के उद्देश्य से किसानों को धरने से जबर्दस्ती उठाए जाने समेत अनेक प्रकार की झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। दिल्ली की सीमाओं पर और देश के अन्य हिस्सों में डटे किसान पहले भी बातचीत के पक्ष में थे और अब भी हैं। यह विचित्र है जब भाजपा चुनावी रैली करती है तो उसे कोरोना का भय नहीँ दिखता है, जहां उनके विरोध में कोई कार्यक्रम होते है तो वहां बहुत सख्ती से निपटने के दावे किए जाते हैं। झूठी खबरें फैलाकर किसानों के अंदर डर का माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसान संयुक्त मोर्चा ने किसानों से अपील की है कि वे सयंम के साथ शांतमय धरना जारी रखे, वहीं अन्य किसान कटाई का काम खत्म होते ही दिल्ली मोर्चों पर पहुंचें।
संयुक्त मोर्चा ने जहां किसानों से यह अपील की है कि कोरोना संबंधी जरूरी निर्देशों का पालन करें, वहीं सरकार से अनुरोध किया है कि धरना स्थलों पर वैक्सीन सेंटर बनाकर व अन्य सुविधाएं प्रदान कर अपनी जिम्मेदारी निभाए।
संयुक्त मोर्चा ने किसान नेताओं पर हमले की साजिश की आशंका जताते हुए कहा है कि सरकार तार्किक स्तर पर हर संवाद हार रही है इसलिए हिंसक तरीकों से किसान आंदोलन को खत्म कराने की कोशिश कर रही है।
किसानों की मांग रही है कि सभी किसानों को सभी फसलों पर MSP की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए। तीनों कृषि कानून वापस लिये जाएं, क्योंकि ये कानून खेती-किसानी पर हमला हैं तथा ये खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने इन मांगों को फिर दोहराते हुए पत्रकार शशांक पाठक की मौत पर शोक व्यक्त किया है। शशांक पाठक किसान
आंदोलन को लगातार कवर कर रहे थे, शुक्रवार को अपने घर लौटते वक्त सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। जन सरोकारों से जुड़ी निर्भीक पत्रकारिता के लिए वह याद किए जाते रहेंगे। संयुक्त मोर्चा ने कहा है कि उनकी मृत्यु से आंदोलन ने अपना एक हितैषी खो दिया है।
जय किसान आंदोलन : MSP लूट कैलकुलेटर