30 अप्रैल। पूर्व एटार्नी जनरल सोली सोराबजी का शुक्रवार को 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कुछ दिन पहले वह और उनकी पत्नी जेना, दोनों कोरोना पाज़िटिव पाए गए थे। पत्नी जेना का इलाज जारी है।
सोली सोराबजी जी कानूनविद के छह दशक लंबे अपने करियर में दो बार एटार्नी जनरल रहे। जनता पार्टी की सरकार के समय वह 1977 से 1980 के बीच सालिसिटर जनरल रहे। पर इससे भी बड़ी बात यह है कि वह देश में अभिव्यक्ति की आजादी के एक खास योद्धा थे। इमरजेंसी के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाई गई बंदिशों की उन्होंने कड़ी आलोचना की थी। बाम्बे हाईकोर्ट से 1953 में उन्होंने वकालत शुरू की थी और एक बार सालिसिटर जनरल तथा दो बार एटार्नी जनरल रहने के अलावा वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की अनेक संस्थाओं से जुड़े रहे। अहम संवैधानिक मसलों पर समय-समय पर अपना मत व्यक्त करने के अलावा वह पत्र-पत्रिकाओं में लिखते भी रहते थे।
ऐसे समय जब संवैधानिक मूल्य गहरे संकट में हैं और अभिव्यक्ति की आजादी पर रोज संगठित रूप से हमले हो रहे हैं, सोली सोराबजी का न रहना और भी मायूस कर देता है। श्रद्धांजलि।