20 मई। मध्यप्रदेश के किसान संगठनों की ऑनलाइन बैठक गुरुवार को संपन्न हुई। बैठक में बताया गया कि दिल्ली के बॉर्डरों पर और देश भर में तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने, बिजली संशोधन बिल वापस कराने एवं सभी कृषि उत्पादों की लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चलाये जा रहे किसान आंदोलन के 6 माह पूरे होने पर 26 मई को देशभर में काला दिवस मनाने का निर्णय 550 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिया गया है।
उक्त निर्णय के अनुसार 26 भी को प्रदेश के सभी जिलों में कोविड महामारी से बचाव के लिए दवाई, ऑक्सीजन, डॉक्टर , वेंटिलेटर और अस्पताल की व्यवस्था ना होने के कारण लाखों भारतीयों की मौत एवं किसान आंदोलन के दौरान 500 किसानों की शहादत तथा 15 करोड़ रोजगार से लगे लोगों को बेरोजगार बनाने के जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाने और घरों, वाहनों तथा चौपालों पर काला झंडा लगाकर मोदी सरकार के कुशासन के 7 वर्ष पूरे होने पर अधिक से अधिक किसानों को किसान विरोधी कानूनों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।
सभी किसान संगठनों के नेताओं ने बताया कि किसानों की सब्जी और दूध खराब हो रहा है क्योंकि प्रशासन और पुलिस द्वारा किसानों को दूध और सब्जी बेचने की इजाजत नहीं दी जा रही है। किसान नेताओं ने बताया कि लॉकडाउन के चलते पहले ही मंडियां बंद हैं। बाद में सोसाइटियों में भी बारदाने की कमी तथा गोडाउन का हवाला देकर कई जगहों पर खरीद बंद की कर दी गई है तथा कई सोसाइटियों में भंडारण व्यवस्था न होने के कारण गेहूं खुले आसमान के नीचे गीला होकर सड़ रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री से सब्जी और दूध नष्ट होने से रोकने तथा गेहूं, चना, सरसों आदि की समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने और खाद पर बढ़े हुए दाम की राशि किसानों को वापस कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।
बैठक में संभागीय स्तर पर तथा जिला स्तर पर सभी किसान संगठनों और किसान, मजदूर, युवा, महिला, नागरिक समाज और मानवाधिकार संगठनों की कल से ऑनलाइन बैठक आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया है।
बैठक बुलाने के लिए विभिन्न संगठनों को जिलेवार जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। कल 3 बजे संयुक्त किसान मोर्चा की पुनः बैठक होगी। कल से लेकर 26 मई तक 11 से 1 बजे के बीच संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा फेसबुक लाइव होगा जिसे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति तथा संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के किसान नेता संबोधित करेंगे। इसे अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति तथा संयुक्त किसान मोर्चा के फेसबुक पेज से देखा जा सकता है।
मध्यप्रदेश के किसान संगठनों की इस बैठक को बादल सरोज (ऑल इंडिया किसान सभा), हरिद्वार सिंह, (प्रदेश महासचिव, एटक), इरफान जाफरी, (किसान जागृति संगठन), प्रहलाद दास बैरागी (अखिल भारतीय किसान सभा- अजय भवन), उमेश तिवारी (संयोजक- टोको, रोको, ठोको क्रांतिकारी संगठन), बाबू सिंह राजपूत (क्रांतिकारी किसान मजदूर संगठन, भोपाल), जसविंदर सिंह (अखिल भारतीय किसान सभा), इंद्रजीतसिंह (शहीद राघवेंद्र सिंह किसान संघर्ष समिति), एडवोकेट आराधना भार्गव (उपाध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति), एडवोकेट शिव सिंह (संयोजक, संयुक्त किसान मोर्चा, रीवा), अनिल यादव (भारतीय किसान यूनियन), संजय चौहान (श्रमिक जनता संघ), संदीप ठाकुर (भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति युनियन), विजय कुमार (अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा), राजकुमार सिन्हा (बर्गी बांध विस्थापित संघ), बाबूलाल पटेल (भारतीय किसान यूनियन), बबलू जाधव (भारतीय किसान एवं मजदूर सेना), रामकिशन दांगी (भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक), रामनारायण कुररिया (अ.भा.किसान सभा), अरविंद चौधरी (किसान गर्जना), माधुरी जी (जाग्रत आदिवासी दलित संगठन), कृपाल सिंह मंडलोई, एनएपीएम, राम इनानिया (आम किसान यूनियन), दिलीप शर्मा (किसान क्रांति), मनीष श्रीवास्तव (अखिल भारतीय खेत किसान मजदूर संगठन), डॉ सुनीलम (अध्यक्ष,किसान संघर्ष समिति), डी डी वासनिक (सिवनी), सुबोध कुमार शर्मा, अशोक तिवारी, महेंद्रसिंह बघेल, रामकुमार सनोडिया, मनोज कुमार शर्मा, राजेश पटेल, अकबर खान, दिलीप कुमार सिसोदिया, राहुल ठाकुर, करण शाह, सरिता पटेल, भानुप्रताप मेवाड़ा एवं अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने संबोधित किया।
– डॉ. सुनीलम
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