समाजवादी समागम ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान का किया समर्थन

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3 जून। समाजवादी समागम की केन्द्रीय समिति ने संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 5 जून को पूरे भारत में ‘सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस’ मनाने के आह्वान का पूर्ण समर्थन किया है। कृषि उत्पादन और अनाज व्यापार को कारपोरेट घरानों को सौंपने की मंशा से लाए गए तीन कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ देश की राजधानी की सरहदों पर पिछले सवा छह महीने से शांतिपूर्ण धरना चला रहे किसानों के साथ तत्काल समझौता करने की अपील करते हुए समाजवादी समागम ने याद दिलाया है कि देश की आत्मनिर्भरता का सपना खेती को लाभकारी बनाने से ही संभव होगा।

समाजवादी समागम का मानना है कि बेरोजगारी उन्मूलन और दरिद्रता से मुक्ति की लड़ाई में कृषि और कृषि आधारित उद्योगों की ही केन्द्रीय भूमिका रहेगी। इसलिए कृषि पैदावार के लिए न्यूनतम कीमत तय करने की मांग किसानों और गाँवों के साथ ही समूचे देश के हित में है। यह आर्थिक स्वराज की दिशा में ले जानेवाली मांग है।

समाजवादी समागम ने किसानों के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा है कि कहा है कि कृषि को कारपोरेट की लूट से बचाने के लिए 26 नवम्बर 2020 से लगातार जारी धरने में शामिल किसानों ने जाड़े-गर्मी-बरसात की परवाह नहीं की है। यह बेहद शर्मनाक है कि सरकार की जिद के कारण आंदोलनकारी किसानों में से पांच सौ से ज्यादा की जान जा चुकी है। बारह बार किसानों को वार्ता के लिए बुलाकर भी कोई सुनवाई नहीं की गयी है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों तक को देशी-विदेशी अरबपतियों के दबाव में गोपनीय रखा गया है। विपक्षी दलों और नागरिक समाज की अपील को महत्त्व नहीं दिया जा रहा है। यह सब ग्रामीण भारत के धैर्य की उपेक्षा, संसदीय लोकतंत्र का हनन और जनसाधारण की भावनाओं का अपमान है।

हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में 2 जून को हुई बैठक में लिये गए निर्णय के मुताबिक समाजवादी समागम से जुड़े सभी व्यक्तियों और मंचों से अपील की गयी है कि 5 जून को किसानों द्वारा प्रस्तावित ‘सम्पूर्ण क्रांति दिवस’ को सफल बनाने में हर संभव सहयोग करें। जिससे किसान आन्दोलन के साथ समाजवादियों की देशव्यापी एकजुटता को बल मिले और किसानों की मांगें बिना और देर किये पूरी की जाएँ। कोरोना महामारी, व्यापक बेरोजगारी, बेलगाम पूंजीवाद और बढ़ती गैरबराबरी से त्रस्त देश के आर्थिक नवनिर्माण का यही सही उपाय होगा। इस बैठक में श्री हरभजन सिंह सिद्धू के अलावा प्रो आनंद कुमार, प्रो राजकुमार जैन, श्री रमाशंकर सिंह, सुश्री मंजू मोहन, सुश्री गुड्डी, श्री विजय प्रताप, श्री महेन्द्र शर्मा, श्री बीआर पाटिल, श्री अरुण श्रीवास्तव, डॉ सुनीलम, डॉ अनिल ठाकुर शामिल हुए।

अनिल ठाकुर

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