बिहार में 94 हजार शिक्षक भर्ती का रास्ता साफ, युवा हल्ला बोल की मुहिम रंग लाई

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3 जून। वर्षों से लंबित बिहार की 94000 शिक्षक भर्ती मामले में एक अहम मोड़ आया जब पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी करके राज्य सरकार को जल्द से जल्द नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया। बेरोज़जगारी को राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षामंत्री विजय चौधरी से अदालत का आदेश अविलंब लागू करने की मांग की है। साथ ही अनुपम ने शिक्षकों के 3,15,778 रिक्त पदों को जल्द भरने के लिए STET समेत अन्य भर्तियों को भी पूरा करने पर जोर दिया है।

युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुपम

अनुपम बिहार में शिक्षक बहाली के मुद्दे को बड़ी मजबूती से उठा रहे थे। इसका नतीजा हुआ कि प्रदेश के लाखों रिक्त पदों पर पूरे देश का ध्यान आकृष्ट हुआ और ‘बिहार नीड्स टीचर्स’ ट्विटर कैंपेन को भारी सफलता मिली। पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री यशवंत सिन्हा और केंद्रीय सूचना आयुक्त यशोवर्धन आजाद से लेकर देश के कई पत्रकारों, साहित्यकारों और नेताओं ने बिहार में शिक्षक भर्ती पर ‘युवा हल्ला बोल’ की मुहिम की सराहना की है।

‘युवा हल्ला बोल’ की कर्मठ टीम की पहल पर शिक्षक भर्ती का गंभीर मुद्दा अब बिहार ही नहीं, बल्कि झारखंड उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी प्रमुखता से उठाया जा रहा है।

पटना हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अनुपम ने शिक्षक अभ्यर्थियों को याद दिलाया कि मंजिल अभी भी बाकी है। भले ही न्यायालय ने मामले में फैसला सुना दिया है लेकिन सरकारों के रवैये पर भरोसा करना कठिन है। इसलिए जब तक सम्पूर्ण नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक निश्चिंत नहीं होना चाहिए। बिहार के शिक्षामंत्री बार-बार न्यायालय की आड़ में छिपकर कहते रहे हैं कि जैसे ही कोर्ट फैसला देगा वो अगले ही दिन शिक्षकों की नियुक्ति कर देंगे। गेंद अब सरकार के पाले में है और बिहार के बेरोजगार युवाओं की शिक्षामंत्री पर नजर है।

‘युवा हल्ला बोल’ आंदोलन के डॉ. अखिलेश कुमार ने ‘ब्लाइंड फेडरेशन’ से जुड़े उन अभ्यर्थियों को भी बधाई दी जिन्हें इस मामले में अपने हक के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। उम्मीद है कि सरकार उनके साथ भी न्याय करेगी और अगले पंद्रह दिन चलने वाली आवदेन प्रक्रिया के बाद उनके पास भी नौकरी होगी।

यह तो एक बहाली का मामला हुआ लेकिन बिहार में आज कई स्तर पर शिक्षक भर्तियां रुकी हुई हैं। पिछले दिनों BSTET 2019 माध्यमिक शिक्षक बहाली के लिए भी हजारों अभ्यर्थी ट्विटर पर गुहार लगा रहे हैं। इसके अलावा STET के अन्य शिक्षक अभ्यर्थी भी हैं जिनको पात्रता मिलने के बावजूद वर्षों से न्याय नहीं मिला है।

अनुपम ने कहा कि बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को वापिस पटरी पर लाने के लिए अत्यंत आवश्यक है कि तीन लाख से ज्यादा रिक्त पड़े पदों को तुरंत भरा जाए। शिक्षक भर्ती का मुद्दा सिर्फ बेरोजगारी मिटाने का ही संघर्ष नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने का भी आंदोलन है।

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