7 जून। हरियाणा के टोहाना में किसानों के लगातार विरोध प्रदर्शन के आगे खट्टर सरकार को झुकना पड़ा। सरकार में शामिल भाजपा की सहयोगी पार्टी जेजेपी के एमएलए देवेंद्र बबली द्वारा किसानों को अपशब्द कहे जाने और उसका विरोध करनेवाले निर्दोष किसान नेताओं की गिरफ्तारी के जवाब में संयुक्त किसान मोर्चा का आंदोलन सोमवार को सफलतापूर्वक पूरा हो गया। गिरफ्तार किसान नेताओं को रिहा करना पड़ा। इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा का पूरा बयान इस प्रकार है-
1. टोहाना आंदोलन की पहली मांग थी कि विधायक देवेंद्र बबली अपने अपशब्दों के लिए खेद व्यक्त करें और अपने सहयोगियों द्वारा लगाए केस को वापस लें। 5 जून को विधायक ने खेद प्रकट किया। संयुक्त किसान मोर्चा की स्थानीय समिति ने इसे स्वीकार कर लिया है। विधायक के सहयोगियों ने हलफनामा देकर यह कह दिया है कि इस केस को रद्द किए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
2. उस मामले में गिरफ्तार किसान साथी मक्खन सिंह को रिहा कर दिया गया है। इस तरह उस मामले का समाधान हो चुका है।
3. आंदोलन की दूसरी मांग पुलिस द्वारा विधायक के घर की तरफ जाते हुए हमारे किसान साथियों के विरुद्ध मुकदमे (FIR 103) और दो गिरफ्तार साथियों की रिहाई के बारे में थी। कल रात दोनों साथियों विकास सीसर और रवि आजाद को रिहा कर दिया गया है।
4. प्रशासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद यह तय हुआ है कि इस केस (FIR 103) को सरकार की तरफ से वापस ले लिया जाएगा।
5. संयुक्त किसान मोर्चा 4 जून को सिंघु बॉर्डर की अपनी बैठक में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ चल रहे विरोध कार्यक्रमों के बारे में निम्नलिखित मर्यादा सूत्र तय कर घोषित कर चुका है :
a) विरोध के ये कार्यक्रम केवल सरकारी या राजनैतिक आयोजन तक सीमित रहेंगे। किसी भी प्राइवेट आयोजन (जैसे शादी, तेरहवीं, पारिवारिक समारोह इत्यादि) में इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों का विरोध नहीं किया जाएगा।
b) यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से काले झंडे दिखाने, नारे लगाने आदि तक सीमित रहेगा। विरोध प्रदर्शन में हिंसा या तोड़-फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है।
6. आंदोलन की सफलता की रोशनी में स्थानीय समिति द्वारा विधायक के खिलाफ पूर्व घोषित सभी कार्यक्रम अब रद्द किए जाते हैं।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.