9 जुलाई। सेंचुरी मिल (खरगोन) के श्रमिकों की बिड़ला भवन, मुंबई में सेंचुरी मिल के मुख्यालय के बाहर हुई गिरफ्तारी की एनएपीएम यानी जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय ने निंदा की है।
44 महीनों से अधिक समय से, सेंचुरी के हजारों श्रमिक महामारी से पहले और उसके दौरान, प्रबंधन और मजदूर विरोधी नीतियों से लड़ रहे हैं।
कंपनी ने हाल ही में 1,000 से अधिक कर्मचारियों को वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए मजबूर करने के गैरकानूनी फैसले के साथ उन्हें नोटिस दिया है। उनमें से कई ‘वीआरएस नोटिस’ को चुनौती देने के लिए आज मुंबई में कंपनी मुख्यालय पहुंचे। हालांकि कुछ ही समय में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में कई महिलाओं के साथ-साथ कार्यकर्ता नेता श्याम बधाने, संजय चौहान, हेमंत गोसावी के अलावा मेधा पाटकर (राष्ट्रीय संयोजक, एनएपीएम) और जगदीश खैरालिया (सचिव, श्रमिक जनता संघ) भी शामिल हैं।
इन सभी को दादर थाना भवानी शंकर रोड ले जाया गया है। यह वास्तव में नृशंस है कि जहां एक ओर प्रशासन ‘कोविड नियमों’ का हवाला देता है और किसी भी विरोध की अनुमति नहीं देता है, वहीं दूसरी ओर, दर्जनों श्रमिकों और कई महिलाओं को सचमुच एक ही पुलिस वैन में धकेल दिया गया था, जो सभी कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन था!
इस बीच मेधा पाटकर ने सेंचुरी प्रबंधन द्वारा श्रमिकों पर लगाए गए गैरकानूनी वीआरएस और महाराष्ट्र पुलिस के अमानवीय व्यवहार के खिलाफ अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया है।
एनएपीएम ने लोगों से अपील की है कि सेंचुरी मिल के श्रमिकों के संघर्ष में उनका साथ दें। अपील में यह भी कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए सभी प्रदर्शनकारियों को तुरंत मुक्त कराने के लिए कृपया मुंबई पुलिस आयुक्त को 02222620826 और 022-22613552 पर कॉल करें।
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- जगदीश खैरालिया 8104471652