राजस्थान कम्प्यूटर शिक्षक अभ्यर्थियों का दिल्ली में धरना जारी

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10 जुलाई। राजस्थान के कम्प्यूटर शिक्षक अभ्यर्थी पिछले 18 दिनों से दिल्ली में नियमित कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती निकाले जाने के लिए धरना दे रहे हैं।

लंबे संघर्ष के बाद राजस्थान सरकार ने कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती तो निकाली मगर संविदा पर निकाली। अभ्यर्थियों ने इसे अपने संघर्ष का अपमान बता दिल्ली में अनवरत धरना शुरू किया।

आंदोलन में शुरू से अभ्यर्थियों के साथ खड़े रहे छात्र-युवा संगठन यूथ फॉर स्वराज ने 10 जुलाई शनिवार को अभ्यर्थियों के साथ चर्चा का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया, जिसे फेसबुक पर लाइव भी किया गया। यह चर्चा भर्ती की तैयारी करनेवाले अभ्यर्थियों के संघर्ष, उनकी पीड़ा और आगे की रणनीति तैयार करने पर केंद्रित रही। कंप्यूटर एक अनिवार्य विषय होते हुए भी इसका एक भी शिक्षक राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में नहीं है। नई शिक्षा नीति में कक्षा 6 से कंप्यूटर कोडिंग सिखाने का प्रावधान है जबकि राजस्थान के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक ही नहीं हैं।

एक ओर विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं और दूसरी ओर राज्य में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार हैं। राज्य में शिक्षित बेरोजगारी दर 54.3 प्रतिशत है, जो कि भारत की शिक्षित बेरोजगारी दर 19.3 प्रतिशत से बहुत ज्यादा है।

फेसबुक लाइव का संचालन करते हुए यूथ फॉर स्वराज के एम्प्लायमेंट फ्रंट की सह संयोजक जाह्नवी सोढ़ा ने बताया कि राजस्थान के युवाओं ने पहले तो कंप्यूटर शिक्षक भर्ती शुरू करवाने के लिए आंदोलन किया, जब भर्ती निकली तो उसके बाद फिर से युवाओं को आंदोलन करना पड़ रहा है क्योंकि राजस्थान सरकार ने संविदा पर कंप्यूटर शिक्षक भर्ती करने का निर्णय लिया जिसका अभ्यर्थी कड़ा विरोध कर रहे हैं।

अभ्यर्थी दीपेश ने बताया कि जब गहलोत सरकार ने हमारी बात को सुनना बंद कर दिया तो हमें मजबूरन दिल्ली में कांग्रेस के मुख्यालय के बाहर धरना शुरू करना पड़ा। एक तरफ श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति का खुलकर विरोध करती हैं और नियमित भर्ती की मांग करती हैं वहीं दूसरी ओर उनकी पार्टी की सरकार संविदा पर भर्ती शुरू कर रही है।

आंदोलन के लिए दिल्ली में मौजूद युवाओं ने बताया कि प्रदर्शन का आज 18वाँ दिन है; वो 40 से 50 डिग्री के तापमान में भी यहां डटे हुए हैं, जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, यहीं रहेंगे। बिना बिजली-पानी के यहां रहना मुश्किल हो रहा है फिर भी अभ्यर्थियों के हौसले बुलंद हैं।

यूथ फॉर स्वराज के एंप्लॉयमेंट फ्रंट के संयोजक अंकित त्यागी ने बताया कि यह आंदोलन हमारे लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह शिक्षकों से जुड़ा हुआ है, और शिक्षक ही है जो किसी राज्य और देश को प्रगति के पथ पर ले जाता है। इसलिए हम इन युवाओं के साथ हैं और जब तक नियमित कंप्यूटर भर्ती नहीं निकलेगी हम इनके साथ आंदोलन में शामिल रहेंगे।

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