सेंचुरी के श्रमिकों के हक में एक अपील

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11 जुलाई। सेंचुरी मिल (खरगोन, मप्र) के कामगार जबर्दस्ती वीआरएस का नोटिस दिये जाने के खिलाफ जनता श्रमिक संघ के बैनर तले संघर्षरत हैं। मेधा पाटकर और जगदीश खैरालिया के नेतृत्व में मुंबई में कुछ श्रमिकों की गिरफ्तारी के साथ ही यह आंदोलन एक नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। इस मौके पर एनएपीएम (जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय) के राष्ट्रीय संयोजक मंडल के सदस्य डॉ. सुनीलम ने एक पत्र जारी करके सेंचुरी के आंदोलनतर श्रमिकों का समर्थन करने की अपील की है। पत्र इस प्रकार है-

प्रिय साथी, जिंदाबाद!

आप जानते ही होंगे कि सेंचुरी डेनिम इकाई के श्रमिकों के द्वारा 44 महीने से मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में एबी रोड पर ग्राम सतराटी में आंदोलन किया जा रहा है। 29 जून 2021 को कारखाना प्रबंधक द्वारा श्रमिक एवं कर्मचारी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के संबंध में पत्र लिखकर कहा गया कि 13 जुलाई तक सभी श्रमिक एवं कर्मचारी वीआरएस ले लें। सेंचुरी डेनिम का यह निर्णय गैरकानूनी है तथा 90 प्रतिशत श्रमिकों को मंजूर नही है।

आप जानते ही हैं कि जनता श्रमिक संघ की याचिका के चलते औद्योगिक ट्रिब्यूनल, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मिल बंद होने के बावजूद श्रमिकों को वेतन दिया जा रहा है। यह भी उल्लेख करना जरूरी है कि कुमार मंगलम बिड़ला समूह ने मिल बेचने का फर्जी विक्रय पत्र बनाकर जो धोखा किया था वह ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दिया गया। श्रमिक ‘वीआरएस नहीं, रोजगार चाहिए’ संघर्ष कर रहे हैं। कंपनी ने यह भी निर्णय किया है कि वह मंजीत सिंह को मिल बेच रही है। जबकि उन्हें मिल चलाने का कोई अनुभव नहीं है। यह जमीन हथियाने का मामला है।

सेंचुरी टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज द्वारा लॉकडाउन के पहले 680 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया गया, 2019-20 में 360 करोड़ रुपए मुनाफा कमाया। उसके बावजूद एक हजार श्रमिकों के रोजगार को खत्म करने पर कंपनी आमादा है। कंपनी के फैसले के खिलाफ 9 जुलाई को सेंचुरी भवन (बिड़ला भवन) मुंबई पर कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया। जहां प्रबंधन के इशारे पर मेधा पाटकर और साथियों को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी आपको मिली होगी।

आपसे अनुरोध है कि आप श्रमिकों और कर्मचारियों के संघर्ष के समर्थन में अविलंब पत्र जारी करने का कष्ट करें तथा अन्य संगठनों से भी श्रमिकों के आंदोलन के समर्थन में पत्र जारी करने के लिए कहें। यह दुखद है कि एटक और इंटक द्वारा बीएमएस के साथ मिलकर (जिनके सेंचुरी डेनिम मिल में 10 फीसद सदस्य भी नहीं है) वीआरएस लेने का समझौता किया गया है। जिसे 90 प्रतिशत से अधिक श्रमिकों एवं कर्मचारियों द्वारा नकार दिया गया है। आप जानते ही हैं कि कानून के मुताबिक प्रबंधन को राज्य सरकार से सहमति लेना आवश्यक है। हमें मध्यप्रदेश सरकार से मांग करनी चाहिए कि वह श्रमिकों के रोजगार को बचाने के लिए प्रबंधन की 1000 श्रमिकों और कर्मचारियों को बेरोजगार करनेवाली श्रमिक विरोधी कार्यवाही पर रोक लगाए।

आपसे अनुरोध है कि श्रमिक जनता संघ के नाम से तुरंत समर्थन पत्र भेजने का कष्ट करें। यह पत्र यूनियन की अध्यक्ष मेधा पाटकर जी एवं जनरल सेक्रेटरी जगदीश खैरालिया जी के ईमेल या व्हाट्सएप पर भी भेजा जा सकता है। आप मुझे भी प्रति भेज सकते हैं। पत्र के साथ श्रमिक जनता संघ की दो प्रेस विज्ञप्तियां एवं सेंचुरी प्रबंधन द्वारा दिया गया वीआरएस संबंधी परिपत्र संलग्न है।

आपका साथी

डॉ सुनीलम

9425109770 (वाट्सऐप), 8447715810 (मो)

ईमेल- [email protected]

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