29 अगस्त। संविधान बचाओ, देश बचाओ सम्मेलन पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कोल्से पाटिल की अध्यक्षता में 29 अगस्त 2021 को कांस्टीट्यूशन क्लब, नयी दिल्ली में संपन्न हुआ। सम्मेलन में देशभर के 15 राज्यों से पहुंचे 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने पहले सत्र में न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया। दिल्ली शिक्षक मंच के अध्यक्ष शशि शेखर सिंह ने सम्मेलन का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। संचालन डा. सुनीलम ने किया। अरुण श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया।
न्यूनतम साझा कार्यक्रम में मोदी सरकार के सात साल के कार्यकाल में खतरे में पड़ चुके धर्मनिरपेक्षता और लोकत्रांतिक मूल्यों की रक्षा, गंभीर आर्थिक संकट से देश को उबारकर रोजगारमूलक आर्थिक नीतियां बनाने, संपूर्ण देश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवाएं तथा ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के प्रत्येक जिले के प्रखंड में सरकारी अस्पताल बनाने, सरकारी शिक्षण संस्थानों को बाजार से मुक्त कर कक्षा 12 तक समान, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कराने, स्थानीय संसाधनों पर समाज का अधिकार, तमाम नागरिक स्वतंत्रता विरोधी कानून समाप्त करने और नागरिकों के शांतिपूर्वक प्रतिरोध और असहमति के अधिकार सुनिश्चित करने, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं
के हक में सख्त कानून बनाने व उसका प्रभावी अमल कराने, संवैधानिक व सरकारी एजेंसियों से स्वतंत्र व निर्भय होकर संवैधानिक जिम्मेदारियां निर्वहन कराने, सरकारी उपक्रमों व सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा सुनिश्चित कराने, मीडिया की स्वतंत्रता, भ्रष्टाचार व अपराध मुक्त राजनैतिक माहौल व ईवीएम व धनशक्ति मुक्त चुनाव कराने जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।
सम्मेलन में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 276 दिनों से 3 किसान विरोधी काले कानून निरस्त करने, बिजली बिल वापस लेने, सभी कृषि उत्पादों की एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांगों का समर्थन किया गया। आंदोलन में शहीद हुए 600 किसानों को श्रद्धांजलि दी गयी। सम्मेलन में केंद्र सरकार द्वारा श्रमिकों पर थोपे गए 4 श्रमिक विरोधी लेबर कोड को रद्द करने तथा निजीकरण पर रोक की मांग को लेकर केंद्रीय श्रमिक संगठनों एवं अन्य मजदूर संगठनों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन का समर्थन किया गया।
सम्मेलन ने 25 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा और श्रमिक संगठनों द्वारा आयोजित भारत बन्द का समर्थन किया।
सम्मेलन ने करनाल में हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ की गयी बर्बर हिंसा की निंदा की तथा दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की मांग की। सम्मेलन ने देश में चल रहे सभी अहिंसात्मक आंदोलनों के समर्थन का ऐलान किया।
सम्मेलन ने 2 अक्टूबर को कन्याकुमारी से शुरू होकर दिल्ली में संविधान दिवस को समाप्त होनेवाली किसान स्वराज यात्रा में सक्रिय भागीदारी का ऐलान किया।
दूसरे सत्र की अध्यक्षता कर्नाटक विधानसभा के पूर्व उपसभापति बीआर पाटिल ने की। प्रस्ताव अरुण श्रीवास्ताव ने रखा और संचालन कमल किशोर कठेरिया ने किया। दूसरे सत्र में न्यूनतम साझा कार्यक्रम को सभी विपक्षी दलों को भेजने, विपक्षी पार्टियों के अध्यक्षों से मिलने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में संविधान बचाओ, देश बचाओ अभियान के तहत विभिन्न जिलों में बैठकें आयोजित करने तथा अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में लखनऊ में सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इस अभियान के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मतदाताओं को भाजपा सरकारों की किसान, मजदूर, दलित, आदिवासी, महिला, अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं संपत्तियों को बेचने, बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, कोरोनाकाल के कुप्रबंधन की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने तथा संविधान और देश को बचाने के लिए भाजपा हराओ अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। संविधान बचाओ देश बचाओ अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में चुनाव की घोषणा होने तक लगातार संविधान बचाओ, देश बचाओ यात्राएं करने का निर्णय लिया गया।
दोनों सत्रों में 15 राज्यों के 50 वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ,राजेन्द्र सिंह, हिंद मजदूर सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद थंपन थामस, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह , बिहार सरकार के वरिष्ठ पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व सांसद अरुण कुमार, पूर्व विधायक गौतम सागर राणा, मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह, वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारती, कुर्बान अली, हिमाचलप्रदेश की सोलन नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष कुल राकेश पंत, युवा नेता फहद सागर यादव, जबर सिंह, विश्वजीत रतोनिया, राष्ट्र सेवा दल के महामंत्री शाहिद कमाल,चिंतक प्रो. रतनलाल,प्रो. चितरंजन मिश्र, प्रो. संदीप पांडेय, आदि ने विचार रखे। सम्मेलन का आयोजन संविधान बचाओ, देश बचाओ आयोजन समिति द्वारा किया गया। जिसमें जस्टिस कोल्से पाटिल, पूर्व सांसद अरुण कुमार, बीआर पाटिल, डा. सुनीलम, अरुण श्रीवास्तव, श्याम रजक, शंकर आजाद, कमल किशोर कठेरिया, लारैब अकरम, शशि शेखर प्रसाद सिंह, यादव रेड्डी शामिल हैं।
– डा. सुनीलम