सोशलिस्ट मेनिफेस्टो : चौदहवीं किस्त

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(दिल्ली में हर साल 1 जनवरी को कुछ समाजवादी बुद्धिजीवी और ऐक्टिविस्ट मिलन कार्यक्रम आयोजित करते हैं जिसमें देश के मौजूदा हालात पर चर्चा होती है और समाजवादी हस्तक्षेप की संभावनाओं पर भी। एक सोशलिस्ट मेनिफेस्टो तैयार करने और जारी करने का खयाल 2018 में ऐसे ही मिलन कार्यक्रम में उभरा था और इसपर सहमति बनते ही सोशलिस्ट मेनिफेस्टो ग्रुप का गठन किया गया और फिर मसौदा समिति का। विचार-विमर्श तथा सलाह-मशिवरे में अनेक समाजवादी बौद्धिकों और कार्यकर्ताओं की हिस्सेदारी रही। मसौदा तैयार हुआ और 17 मई 2018 को, कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी के 84वें स्थापना दिवस के अवसर पर, नयी दिल्ली में मावलंकर हॉल में हुए एक सम्मेलन में ‘सोशलिस्ट मेनिफेस्टो ग्रुप’ और ‘वी द सोशलिस्ट इंस्टीट्यूशंस’की ओर से, ‘1934 में घोषित सीएसपी कार्यक्रम के मौलिकसिद्धांतों के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराते हुए’ जारी किया गया। मौजूदा हालातऔर चुनौतियों के मद्देनजर इस घोषणापत्र को हम किस्तवार प्रकाशित कर रहे हैं।)

सामाजिक क्षेत्र को कोष देने के लिए सरकारी कर और गैर कर राजस्व बढ़ाएं

रकार को अपने बजटीय व्यय को कम से कम 50% तक बढ़ाने के लिए अपने कर और गैरकर राजस्व में वृद्धि करनी चाहिए। इसका मतलब है कि वर्ष 2018-19 के लिए राजस्व को कम से कम 36 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इससे सरकार को सामाजिक सेवाओं में निवेश के लिए अतिरिक्त 12 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे।

इसके लिए, सरकार को ऐसा करने की जरूरत है कि :

  • अमीरों को दी गयी भारी कर रियायतें वापस ले ली जानी चाहिए। वर्तमान के कर-जीडीपी अनुपात को 16.5% से 30% तक बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही, सरकार को अपने प्रत्यक्ष करों को बढ़ाने और अप्रत्यक्ष करों को कम करने की जरूरत है। कुछ उपाय इस तरह किए जा सकते है :
  • काली अर्थव्यवस्था पर अंकुश लगाने के लिए निगमों पर सकल लाभ कराधान का उपयोग करें।
  •  संपत्ति के सभी रूपों और वर्तमान कीमतों पर कराधान होना चाहिए।
  • मौजूदा कीमतों पर साइट और सेवाओं के मूल्यांकन के आधार पर एक निश्चित आकार के ऊपर सभी संपत्तियों पर संपत्ति कराधान हो।
  • प्रतिव्यक्ति आय से 100 गुना अधिक आय वाले व्यक्ति पर 50% की दर तक प्रगतिशील आयकर होना चाहिए।
  • निगम कर में कटौती केवल पर्यावरणीय विचारों, अनुसंधान एवं विकास और संयंत्र और उपकरणों में निवेश के लिए दी जानी चाहिए।
  •  अल्पकालिक पूंजीगत लाभ (2 साल तक की होल्डिंग्स) पर पूंजी लाभ कर 50% दर से लगे और फिर 5, 10 और 20 वर्षों से अधिक की संपत्तियों की होल्डिंग के लिए दरों को कम किया जाना चाहिए।
  •  केवल लक्जरी उपभोग वस्तुओं पर अप्रत्यक्ष कर (उत्पाद शुल्क, बिक्री और सेवाएं कर) जीएसटी बढ़ाई जाए।

इसके अतिरिक्त, सरकार को काली अर्थव्यवस्था को गंभीरता से रोकने की जरूरत है, और इसके लिए :

  • लोकपाल अधिनियम लागू किया जाना चाहिए और लोकपाल तुरंत नियुक्त किया जाना चाहिए।
  • ह्विसल ब्लोअर संरक्षण अधिनियम तुरंत लागू किया जाना चाहिए।
  • बैंकिंग गोपनीयता और हवाला संचालन को रोकें।
  • कॉरपोरेट धोखाधड़ी के लिए निदेशकों और लेखा परीक्षकों को जिम्मेदार बनाएं और ऐसे धोखाधड़ी के लिए उन पर भारी जुर्माना लगाएं। सरकार विभिन्न उपायों से गैर-कर राजस्व को बढ़ाएं।
  • पट्टे पर निजी क्षेत्र को दिये गये खनिज संसाधनों पर रॉयल्टी भुगतान को पुनर्निर्मित करना और बढ़ाना चाहिए। लंबे समय के लिए हमारे प्राकृतिक संसाधनों को निजीकृत करने की इस नीति को तोड़ दिया जाना चाहिए।

अंत में सरकार राजकोषीय घाटे को बढ़ाकर राजस्व जिम्मेदारी अधिनियम को तोड़कर अपने राजस्व और व्यय को बढ़ा सकती है। राजकोषीय घाटे को कम रखने की जरूरत कुछ खास नहीं हैं।

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