सेब के किसान भी उतरे मैदान में, मिशन यूपी ने किया अब पूर्वी उप्र का रुख

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वाराणसी में किसान संगठनों की बैठक

13 सितंबर। मुजफ्फरनगर किसान-मजदूर महापंचायत से मिशन उत्तर प्रदेश के शुभारंभ, और लखनऊ में एसकेएम उत्तर प्रदेश की बैठक में इसकी विस्तृत योजना और कार्यक्रम के बाद, जिसमें पूरे यूपी से 85 किसान संगठन एक साथ आए, अभियान अब गति के साथ बढ़ रहा है। हर स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 27 सितंबर को होनेवाले भारत बंद की योजना को लेकर उत्तर प्रदेश के हर जिले में बैठकें आयोजित की जाएंगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन की सफलता के बाद, आंदोलन तेजी से राज्य के पूर्वी हिस्से में भी फैल रहा है। किसान आगामी चुनाव में भाजपा को सबक सिखाने के लिए कटिबद्ध हैं।

15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद का आयोजन किया जाएगा, जिसमें राजस्थान भर के किसान संगठन भारत बंद की तैयारी और राज्य में किसानों के मुद्दे उठाने के लिए एकसाथ आएंगे।

सोमवार को हिमाचल प्रदेश में सेब के किसानों ने सेब के लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की अपनी मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता, और कॉरपोरेट द्वारा खुली लूट के खिलाफ अपना आंदोलन शुरू किया। गौरतलब है कि इस वर्ष अडानी एग्री फ्रेश ने ए-ग्रेड प्रीमियम सेब की कीमत 72 रुपये प्रति किलो तय की है, जो पिछले साल 88 रुपये प्रति किलो थी। ज्यादातर किसान घाटे का सामना कर रहे हैं। सेब किसानों के साथ टमाटर, आलू, लहसुन, फूल-गोभी और अन्य फसलें उगानेवाले किसान भी आंदोलन में शामिल हैं, जो सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

पंजाब के सोहाना में महिला किसानों की भूख हड़ताल 97वें दिन पर पहुंच गई है। महिलाएं, जो भारत में बहुसंख्यक किसान हैं, और किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रही हैं, ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई अपने हाथों में ले ली है।

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