16 सितंबर। मध्यप्रदेश का मालवा भाजपा और आरएसएस का गढ़ रहा है, लेकिन अब आदिवासी, अल्पसंख्यक और दलित इनके खिलाफ होने लगा है। जिस कारण अपनी खिसकती जमीन को बचाने के लिए भाजपा समर्थक माबलिचिंग की घटनाओं को अंजाम देकर सांप्रदायिकता भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यदि धर्मनिरपेक्ष लोग एकजुट रहे तो ये सफल नहीं हो पाएंगे। उक्त विचार मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इंदौर में पिछले दिनों आयोजित सद्भावना सम्मेलन में व्यक्त किये। श्री सिंह ने सम्मेलन में मौजूद लोगों का आह्वान किया कि देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को तोड़ने की कोशिश कर रही भाजपा को एकजुटता के साथ मुंहतोड़ जवाब दें। करीब आधे घंटे से ज्यादा के अपने भाषण में श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएसएस और भारतीय जनता पार्टी का कभी भी संविधान में भरोसा नहीं रहा है। इसलिए इनकी केंद्र की ओर प्रदेश की सरकार संविधान का मखौल बना रही है। संविधान और देश को बचाने के लिए अब लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी।
सम्मेलन कांग्रेस, भाकपा, माकपा, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया, भगत सिंह दीवाने ब्रिगेड, आम आदमी पार्टी, इंटक एटक, सीटू, एचएमएस आदि संगठनों ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था। गौरतलब है कि पिछले एक महीने से मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में मॉबलिचिंग की घटनाएं हुई हैं और नीमच में तो एक आदिवासी की हत्या भी कर दी गयी। साथ ही देवास, उज्जैन, महिदपुर, हाटपिपलिया, रीवा, सतना, होशंगाबाद में ऐसी घटनाएं हुई हैं और आरोपियों को सरकार द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के भय को दूर करने के लिए यह सम्मेलन आयोजित किया गया था।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि मध्यप्रदेश भाजपा की प्रयोगस्थली है और यहां पर सांप्रदायिक घटनाओं को अंजाम देनेवालों के खिलाफ पुलिस इसलिए कार्रवाई नहीं करती है कि ऐसे तत्त्वों को सत्तारूढ़ भाजपा का संरक्षण है, लेकिन ये घटनाएं लोकतंत्र के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। इसका मुकाबला किसान मजदूर और धर्मनिरपेक्ष लोगों की गोलबंदी और एकजुटता से ही किया जा सकता है।
सम्मेलन में पिछले दिनों मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई उन्मादी घटनाओं के खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया गया, जिसमें संकल्प लिया गया है कि सांप्रदायिकता के खिलाफ जन जागरण करने के लिए विधानसभा स्तर और वार्ड स्तर पर ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। सम्मेलन को पूर्व सांसद कल्याण जैन, जसविंदर सिंह, सोहनलाल शिंदे, रुद्रपाल यादव, मुजीब कुरैशी, रामस्वरूप मंत्री, सी एल सर्रावत, लक्ष्मीनारायण पाठक, अरुण चौहान, पीयूष जोशी सहित विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता पूर्व महाधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने की और संचालन कैलाश लिम्बोदिया ने किया। सम्मेलन में गैर भाजपाई दलों के कार्यकर्ता शरीक हुए। अंत में श्यामसुंदर यादव ने सम्मेलन में आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
– रामस्वरूप मंत्री,
प्रदेश अध्यक्ष, सोशलिस्ट पार्टी इंडिया मध्यप्रदेश