23 सितंबर। इंदौर में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर तीनों किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ 27 सितंबर को होनेवाले भारत बंद के लिए समर्थन जुटाने की खातिर किसान संगठनों ने देपालपुर व महू तहसील के विभिन्न गांवों, कस्बों, चौपालों पर पहुंचकर नुक्कड़ सभाएं कीं, चौपाल लगायी तथा हजारों पर्चे वितरित किये। किसान कार्यकर्ताओं का ग्रामीणों ने उत्साह से स्वागत किया और बंद में शामिल होने तथा तथा बंद को सफल बनाने का निश्चय किया।
संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े अखिल भारतीय किसान सभा, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर संगठन, किसान संघर्ष समिति, किसान सभा (अजय भवन) तथा किसान मजदूर सेना के प्रतिनिधियों ने सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार किसान और मजदूर विरोधी है, यह सिर्फ पूंजीपतियों की हितेषी है। इसीलिए जहां तीन कृषि कानून लाकर इस सरकार ने खेती को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने का काम किया है वही मजदूर कानूनों में भी बदलाव कर मजदूरों को फिर से गुलाम बनाने की कोशिश की है।
सभाओं को सर्वश्री अरुण चौहान रामस्वरूप मंत्री, सोनू शर्मा, प्रदीप बीआर, राजू जेरिया, बबलू जाधव, सुरेश मीणा, राकेश मीणा, माखन सिंह पटेल, संतोष अनार्य आदि ने संबोधित किया। इन सभाओं में ग्रामीणों ने उत्साह से भाग लिया। किसान संगठनों के पदाधिकारियों ने इंदौर की मंडियों में पहुंचकर व्यापारी संगठनों के पदाधिकारियों से मुलाकात की और 27 तारीख के बंद का समर्थन करने की अपील की। व्यापारी संगठनों के अधिकांश पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि वे भी सरकार की पूंजीपतियों को छूट देनेवाली और छोटे दुकानदारों को खत्म करनेवाली नीतियों के विरोधी हैं और निश्चित रूप से किसान और मजदूरों के आंदोलन का समर्थन करते हैं।
– रामस्वरूप मंत्री
संयोजक, किसान संघर्ष समिति, मालवा-निमाड़