29 सितंबर। दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी भारत बंद की रिपोर्टें आती रहीं। तस्वीरें भी। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत यह तीसरा भारत बंद था और हर लिहाज से कामयाब रहा। श्रमिक संगठनों, छोटे व्यापारियों के संगठनों, छात्र-युवा संगठनों, महिला संगठनों और बहुत सारी सामाजिक संस्थाओं ने इसे समर्थन दिया। विपक्षी दलों ने भी। अलबत्ता संयुक्त किसान मोर्चा ने तय कर रखा है कि वह किसी भी राजनीतिक दल के साथ मंच साझा नहीं करेगा।
बंद प्रभावी और काफी व्यापक रहा और पूरी तरह शांतिपूर्ण। देश के हर हिस्से में इसका असर दिखा। देश भर में हजारों जगहों पर भारत बंद के साथ सुबह से शाम चार बजे तक धरना, जुलूस, नारेबाजी, नुक्कड़ सभा का सिलसिला चलता रहा। राजमार्गों और रेलमार्गों को रोक कर बैठे तथा जुलूस निकालते, नारे लगाते लोगों की तस्वीरों और वीडियो से फेसबुक पट गया। आज भारत बंद है हैशटैग ट्विटर पर दिन भर ट्रेंड करता रहा। देश से बाहर भी कई जगह भारतीय मूल के लोगों ने भारत के किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किए।
कुल मिलाकर 27 सितंबर 2021 का दिन किसान आंदोलन के इतिहास में मील का पत्थर बन गया। इस भारत बंद ने यह साबित कर दिया कि तीन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर चल रहा किसान आंदोलन एक-दो राज्य तक सीमित नहीं है, इसे देशभर के किसानों का समर्थन हासिल है और अब यह राष्ट्रीय शक्ल अख्तियार कर चुका है।
भारत बंद के दिन देश में हजारों जगहों पर कार्यक्रमों हुए, सभी का अलग-अलग समाचार देना, सभी की तस्वीरें देना संभव नहीं है। यहां सिर्फ कुछ झलकियां पेश की जा रही हैं।