3 अक्टूबर। भाजपा की नींव हिला देनेवाले ऐतिहासिक किसान आंदोलन की पृष्ठभूमि में हरियाणा के मुख्यमंत्री का एक चौंकानेवाला वीडियो सामने आया है, जिसमें वह भाजपा के कार्यकर्ताओं से लाठी उठाकर किसानों के खिलाफ “जैसे के लिए तैसा” करने का आह्वान करते नजर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री यह आश्वासन भी देते नजर आ रहे हैं कि अगर दो-चार महीने के लिए कार्यकर्ता जेल गए तो वे बड़े नेता बन जाएंगे। स्वराज इंडिया ने कहा है कि इस घटना के बाद श्री खट्टर को मुख्यमंत्री बने रहने का कोई अधिकार नहीं बचता है।
मनोहर लाल खट्टर द्वारा वीडियो में जो कहा जा रहा है, वह यहां उद्धृत है :
“दक्षिण हरियाणा में समस्या ज्यादा नहीं है, मगर उत्तर-पश्चिम हरियाणा के हर जिले में है। अपने किसानों के 500-700-1000 लोग आप अपने खड़े करो। उन्हें वालंटियर बनाओ और फिर जगह-जगह “शठे शाठ्यम समाचरेत”! क्या मतलब होता है इसका? क्या अर्थ होता है इसका? कौन बताएगा? अंग्रेजी में बता दिया! हिंदी में बताओ! “जैसे को तैसा” “जैसे को तैसा” उठा लो डंडे! हां ठीक है, (पीछे से आवाज आती है कि बचा लोगे, जमानत करवा लोगे)। वह देख लेंगे और दूसरी बात यह है जब डंडे उठाएंगे डंडे तो जेल जाने की परवाह ना करो! महीना-दो महीने रह आओगे तो इतनी पढ़ाई हो जाएगी जो इन मीटिंग में नहीं होगी! अगर 2-4 महीने रह आओगे तो बड़े नेता अपने आप बन जाओगे! (हंसने की आवाजें आती हैं)। बड़े नेता अपने आप बन जाओगे चिंता मत करो, इतिहास में नाम अपने आप लिखा जाता है!”
भारत का संविधान किसी को भी हिंसा का आह्वान करने या लोगों से कानून अपने हाथ में लेने की अपील करने की अनुमति नहीं देता है। लोगों को आपस में लड़ाना, दुश्मनी बढ़ाना और नफरत का माहौल बनाना कानूनी अपराध है।
इस मामले पर बोलते हुए, स्वराज इंडिया की अध्यक्ष क्रिस्टीना सामी ने कहा, “हरियाणा के मुख्यमंत्री के हिंसा भड़काने और लाठी उठाने का आह्वान करके समाज में शांति भंग करने का इरादा दिखाते हुए वीडियो क्लिप के सामने आने के बाद, उन्हें मुख्यमंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं बचता है।”
स्वराज इंडिया के उपाध्यक्ष राजीव गोदारा ने कहा, “हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत तुरंत मामला दर्ज किया जाए। श्री खट्टर मुख्यमंत्री के कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे थे, इसलिए मामला दर्ज करने के लिए किसी भी संस्था से सहमति की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राज्यपाल को उन्हें पद से हटाने की सिफारिश करनी चाहिए और उच्च न्यायालय को मामले का संज्ञान लेना चाहिए और अपनी निगरानी में निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।
इस बीच, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भाजपा सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी का काफ़िला विरोध करने के लिए वहां जमा किसानों को कुचल गया। इस घटना में चार किसानों की मौत हो गयी और कई घायल हो गए। एक किसान की कथित तौर पर मंत्री के बेटे ने गोली मारकर हत्या कर दी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री के बयान और केंद्रीय राज्यमंत्री के बेटे द्वारा लखीमपुर खीरी में की गई हिंसक घटना से स्पष्ट है कि भाजपा अब किसान आंदोलन से बुरी तरह से डर गयी है और अपने कॉर्पोरेट आकाओं को खुश करने के लिए दहशत में हिंसा का सहारा ले रही है। भाजपा इस तरह के आपराधिक, अलोकतांत्रिक तरीकों से किसान आंदोलन को दबा नहीं पाएगी बल्कि उसे खुद जाना पड़ेगा। भारत व दुनिया का इतिहास गवाह है कि शांतिपूर्वक जन-आवाज के सामने हिंसक से हिंसक व अन्यायी सत्ता कभी टिक नहीं पायी है।
स्वराज इंडिया ने मांग की है कि भाजपा हरियाणा के मुख्यमंत्री के साथ-साथ केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी को तुरंत बर्खास्त करे। क्योंकि मिश्रा पहले भी किसानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण दे चुके हैं, उसका नतीजा आज सामने आया है। खट्टर ने भी हरियाणा में ऐसा ही माहौल बनाने की तैयारी की है।