“क्षुब्ध हृदय है- बन्द जुबान”

0

12 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी जनसंहार जिसमें गाड़ियों से रौंद कर चार किसानों व एक पत्रकार को मार दिया गया उसपर अपना रोष और शोक व्यक्त करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के मार्गदर्शन के अनुसार किसान आंदोलन और समाज से सरोकार रखनेवाले वाराणसी के कार्यकर्ता 12 अक्टूबर की शाम को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सिंहद्वार के सामने इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारी हाथ में ‘क्षुब्ध हृदय है,बन्द जबान’ का बैनर लिये हुए थे। इसके साथ ही वे शहीदों के फोटो वाले तथा अपनी बात कहनेवाली कविताओं के बैनर हाथों में लिये हुए थे।

भारी तादाद में पुलिस बल और कई थानाध्यक्षों की उपस्थिति से कार्यकर्ताओं को आश्चर्य हो रहा था। मोमबत्तियां जलाकर और हाथों में लेकर कार्यकर्ताओं ने अपने मनोभाव व्यक्त किये। पूरी तरह से शांतिपूर्ण इस प्रदर्शन के दौरान शहीदों की याद में क्रांति गीत गाये गये।सभा का समापन दो मिनट मौन रहकर किया गया।कार्यक्रम में मुख्य तौर पर महेश विक्रम सिंह, सुनील सहस्रबुद्धे,अरुण कुमार, प्रबाल सिंह, अजय राय, रामजी सिंह, शिवशंकर शास्त्री, काशीनाथ, आनंद यादव, रामजनम, युद्धेश, प्रज्ञा सिंह, आकांक्षा आजाद, शशांक, चौधरी राजेन्द्र, अफ़लातून, चंचल मुखर्जी, भुआल यादव आदि प्रमुख थे।


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment