पांच महिला किसानों को ट्रक ने कुचला, तीन की मौत

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United kisan morcha

28 अक्टूबर। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक गुरुवार को तड़के, एक दुखद घटना में, टिकरी मोर्चा पर एक टिपर ट्रक (संख्या HR55N-2287) द्वारा कुचले जाने से तीन महिला आंदोलनकारियों की मौत हो गयी और दो अन्य महिला आंदोलनकारी गंभीर रूप से घायल हो गयीं। घायलों को पीजीआईएमएस रोहतक ले जाया गया। इस हादसे में मानसा जिले के खिवा दियालुवाला की अमरजीत कौर, गुरमेल कौर और शिंदर कौर की जान चली गयी। गुरमेल कौर और हरमीत कौर घायल हो गयी हैं। एसकेएम ने इन बहादुर महिला आंदोलनकारियों की मॄत्यु पर शोक जताया है। एसकेएम ने कहा, हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं और उनके ठीक होने में सहयोग करेंगे। एसकेएम ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए घटना की निष्पक्ष और गहन जांच की भी मांग की है।

उपद्रव की कारगुजारी

संयुक्त किसान मोर्चा की विज्ञप्ति के मुताबिक बुधवार को उत्तर प्रदेश से आ रहे ‘हिंद मजदूर किसान समिति’ के नेतृत्व में भाजपा-आरएसएस के गुंडों, जिन्होंने पहले मोदी सरकार के कॉर्पोरेट-समर्थक व किसान-विरोधी कानूनों का समर्थन किया है, को दिल्ली पुलिस ने सिंघू मोर्चा की ओर बढ़ने से रोक दिया। वे स्पष्ट रूप से लखबीर सिंह के लिए न्याय की मांग कर रहे थे, जिनकी 15 अक्टूबर को सिंघू सीमा पर कुछ निहंग सिखों ने हत्या कर दी। हिंद मजदूर किसान समिति जाहिर तौर पर भाजपा का एक प्रमुख संगठन है, जिसने पूर्व में कृषि कानूनों के समर्थन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी। उक्त संगठन के सोशल मीडिया पेज पर दी गयी जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान हिंद मजदूर किसान समिति के पदाधिकारी हैं। एसकेएम स्पष्ट रूप से इसे भाजपा सरकार द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को परेशान करने के एक और हताश प्रयास के रूप में देखता है।

एसकेएम ने मोर्चा स्थलों पर शांति भंग करने के लिए भाजपा-आरएसएस और उससे जुड़ी संस्थाओं के प्रयास की निंदा की और चेतावनी देते हुए कहा है कि वे इस तरह के प्रयासों से बाज आएं। एसकेएम ने एक बार फिर मांग की है कि लखबीर सिंह की बर्बर हत्या की पूरी घटना की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक मौजूदा न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए। एसकेएम ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने और उस पर हमला करने की पूरी साजिश का तभी खुलासा हो पाएगा।

विरोध के चलते रक्षामंत्री का कार्यक्रम रद्द

गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का पंजाब के घरुआन के एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम था, पर किसानों के विरोध के कारण उसे रद्द करना पड़ा। कार्यक्रम और राजनाथ सिंह के विरोध में बड़ी संख्या में किसान एकत्र हुए थे, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया, और प्रदर्शन कर रहे किसानों से उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी।

अनिवासी भारतीय भी सरकार के निशाने पर

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार यह जानकारी मिली है कि भारत सरकार ने किसान आंदोलन के कई एनआरआई समर्थकों के ओसीआई (भारत के प्रवासी नागरिक) कार्ड और दीर्घकालिक वीजा रद्द कर दिया है। भारत सरकार के अनुसार, वे “भारत विरोधी गतिविधियों” में शामिल थे। एसकेएम का कहना है कि इस आंदोलन का समर्थन किसी भी तरह से “भारत विरोधी” गतिविधि नहीं माना जा सकता है। सरकार की इस तरह की हरकतें यही बताती हैं कि वह चल रहे किसान आंदोलन और उसकी बढ़ती ताकत से डर गयी है। संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि ऐसी प्रतिक्रिया भारत सरकार को दुनिया के सामने गलत ठहराती है। एसकेएम की मांग है कि सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका से दर्शन सिंह धालीवाल जैसे समर्थकों के निर्वासन के मामले सहित अपने अलोकतांत्रिक और दमनकारी कार्यों को बंद करे।

मुआवजे की मांग

कई स्थानों पर किसान, पिंक बॉलवर्म से कपास की फसल को हुए नुकसान के मुआवजे, हाल ही में हुई बारिश के कारण क्षतिग्रस्त फसलों के लिए आपदा मुआवजे, और सही तरीके से धान खरीद शुरू करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। एसकेएम का कहना है कि इन सभी मामलों में संबंधित सरकारों को किसानों की जायज मांगों को तुरंत पूरा करना चाहिए।

पता चला है कि लखीमपुर खीरी में एक फर्जी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुरविंदर सिंह और विचित्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। इन दोनों प्रदर्शनकारियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। धारा 147, 323, 324, 336 और 302 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

खाद संकट सरकार के कुप्रबंधन की देन

देश में में उर्वरक की मौजूदा कमी न केवल भारत सरकार की अपनी बदइंतजामी को बल्कि कालाबाजारी को नियंत्रित करने में उसकी उदासीनता को भी दर्शाती है। सरकार के दावे और बहानेबाजी, कि इसने महामारी के मद्देनजर बाजार के उतार-चढ़ाव के लिए सुरक्षा जाल बनाया है, का झूठ उजागर हो चुका है। एसकेएम की मांग है कि सरकार उर्वरकों के स्टॉक और आपूर्ति को पर्याप्त, समय पर, और सुचारु आपूर्ति, और सख्त मूल्य नियंत्रण के लिए तत्काल विनियमित करे।

11 नवंबर से खेत-खेती-किसान बचाओ यात्रा

यदि अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार और मंत्री पद से बर्खास्त नहीं किया जाता है, तो 11 नवंबर 2021 से, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में लखीमपुर खीरी जिले के पलिया से निघासन तक “खेत-खेती-किसान बचाओ यात्रा” का आयोजन किया जाएगा। 13 को निघासन में बड़ी रैली का आयोजन होगा। उन्हीं तिथियों पर पूरे उत्तर प्रदेश और विशेष रूप से पूर्वांचल में पदयात्रा, उपवास-धरना और रैलियां आयोजित की जाएंगी, जिनमें योगी सरकार द्वारा किसान नेताओं के खिलाफ पुलिस दमन को तुरंत रोकने की मांग की जाएगी।

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