एमएसपी पर सरकार को भागने नहीं देंगे – डॉ सुनीलम

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9 दिसम्बर। किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 378 दिन से चल रहे किसान आंदोलन के पहले चरण के समापन के लिए बधाई देते हुए किसान आंदोलन की जीत का श्रेय 715 शहीद किसानों तथा उन लाखों किसानों को दिया है, जिन्होंने 378 दिन तक लगातार सर्दी, गर्मी, बरसात झेलकर आंदोलन को कामयाब बनाया।

डॉ सुनीलम ने कहा कि किसानों ने अडानी-अम्बानी की ताकत से लोहा लेते हुए जनशक्ति एकजुट कर केंद्र सरकार को परास्त कर दिया है।‌ अब कोई भी सरकार मनमाने तरीके से कानून जनता पर थोपने की हिम्मत नहीं करेगी।
डॉ सुनीलम ने कहा कि आंदोलन की जीत किसानों की एकजुटता, शांतिपूर्ण आंदोलन तथा आंदोलनकारियों के धैर्य के कारण संभव हो सकी है ।

डॉ सुनीलम ने कहा कि किसी भी देश में संसद द्वारा पारित कानूनों को जन आंदोलन से रद्द कराने की यह पहली ऐतिहासिक घटना है। इस आंदोलन ने देश के वंचित तबकों में यह आत्मविश्वास पैदा किया है कि वे अपने सवालों को शांतिपूर्वक आंदोलन चलाकर महाबली सरकारों से हल करवा सकते हैं।

डॉ सुनीलम ने कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी का मसला हल नहीं हुआ है लेकिन आंदोलन ने एमएसपी को लेकर जो जागरूकता और समझ पैदा की है उंसके चलते अब कोई भी सरकार किसानों को एमएसपी पाने से नहीं रोक सकेगी। सरकार की कमेटी का स्वरूप (नाम) जाहिर होने के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि 3 महीने बाद कमेटी किस तरह की रिपोर्ट देगी।

डॉ सुनीलम ने कहा कि किसान संघर्ष समिति, कमेटी के भरोसे नहीं बैठेगी। जिन पांच राज्यों में चुनाव होनेवाले हैं, उन राज्यों में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने को लेकर अभियान चलाएगी। डॉ सुनीलम ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी का मुद्दा देश के हर किसान के ज़ेहन में बना रहेगा तथा यह मुद्दा आगामी चुनाव में उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में प्रमुख सवाल बनकर उभरेगा।

डॉ सुनीलम ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा बिजली बिल को वर्तमान स्वरूप में संसद में पेश होने से रोक देगा।
किसान संघर्ष समिति के नेता ने कहा कि 715 शहीद किसानों का दिल्ली में शहीद किसान स्मारक बनाने के लिए प्रयास जारी रहेगा। उल्लेखनीय है किसान संघर्ष समिति ने जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के साथ मिलकर मिट्टी सत्याग्रह यात्रा निकालकर शहीद स्मारक सभी सीमाओं पर स्थापित किया था।

डॉ सुनीलम ने कहा कि मंदसौर के शहीदों की प्रेरणा से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने सम्पूर्ण कर्जा मुक्ति और डेढ़ गुना दाम के कानून संसद से पारित कराने का संघर्ष करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किसान विरोधी कानूनों को रद्द कराने के लिए कियां था। वह सफल हुआ है। अब संयुक्त किसान मोर्चा 15 जनवरी को होनेवाली बैठक के बाद आंदोलन की आगामी रूपरेखा की घोषणा करेगा, जिसमें किसान संघर्ष समिति भागीदारी करेगी।

मुलतापी में अगले माह किसान सम्मेलन

12 जनवरी 22 को मुलतापी में 24वें शहीद किसान स्मृति सम्मेलन और 289वीं किसान पंचायत में किसान संघर्ष समिति भावी कार्यक्रमों की घोषणा करेगी।

– भागवत परिहार
प्रवक्ता, किसान संघर्ष समिति

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