नफरती भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने का अनुरोध

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27 अगस्त। सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने चीफ जस्टिस एनवी रमना को एक पत्र भेजा है। पत्र में 17 और 19 दिसंबर 2021 को दिल्ली में आयोजित दो कार्यक्रमों की चर्चा की गयी है, जिसमें मुसलमानों के नरसंहार के लिए नफरत भरे भाषण दिये गए थे। हिंदू युवा वाहिनी ने दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन किया था, जबकि यति नरसिंहानंद ने ह‌रिद्वार में कार्यक्रम का आयोजन किया था। वकीलों ने अपने पत्र में सीजेआई से मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है। भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120बी, 121ए, 124ए, 153ए, 153बी, 295ए और 298 के तहत दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है।

पत्र में कहा गया है कि कार्यक्रम में दिए गए भाषणों में न केवल अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया, बल्कि पूरे समुदाय की हत्या के लिए खुला आह्वान किया गया। पत्र में कहा गया है कि उक्त भाषणों ने न केवल हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है, बल्कि लाखों मुस्लिम नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डाल दिया है। पत्र के अनुसार, “यह भी बताया गया है कि हाल के भाषण इसी प्रकार के भाषणों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा हैं..। उल्लेखनीय है कि अतीत के भाषणों के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153 ए, 153 बी, 295 ए, 504, 506, 120बी, 34 के प्रावधानों के तहत कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। हमें यह भी बताया गया है कि इस संबंध में अनुच्छेद 32 के तहत कुछ याचिकाएं भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं।”

वकीलों ने यह भी कहा है कि पत्र को इस उम्मीद के साथ भेजा गया है कि सीजेआई न्यायिक शाखा के प्रमुख के रूप में अपनी क्षमता के तहत त्वरित कार्रवाई करेंगे..
पत्र पढ़ें-

प्रति, माननीय श्री जस्टिस एनवी रमन
चीफ जस्टिस ऑफ सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया
तिलक मार्ग, नयी दिल्ली-110001

विषय-हरिद्वार और दिल्ली में मुसलमानों के जनसंहार के लिए दी गई हेट स्पीचेज का स्वतः संज्ञान लेने की प्रार्थना

यह आपके ध्यान में लाना है कि 17 और 19 दिसंबर 2021 के बीच दिल्ली में (हिंदू युवा वाहिनी द्वारा) और हरिद्वार (यति नरसिंहानंद द्वारा) आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में, जतीय सफाए का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित व्यक्तियों द्वारा नफरत भरे भाषणों में मुसलमानों के नरसंहार के लिए खुले आह्वान किए गए हैं- 1. य‌ति नरसिंहानंद गिरी 2. सागर सिंधु महाराज 3. धर्मदास महाराज 4. प्रेमानंद महाराज 5. साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ ​​पूजा शकुन पाण्डेय 6. स्वामी आनंद स्वरूप 7. अश्‍विनी उपाध्याय 8. सुरेश चव्हाणके 9. प्रबोधानंद गिरि।

उपरोक्त घटनाएं और उनके दौरान दिए गए भाषण केवल नफरत भरे नहीं हैं, बल्कि पूरे समुदाय की हत्या के लिए एक खुला आह्वान है। इस प्रकार उक्त भाषण न केवल हमारे देश की एकता और अखंडता के लिए गंभीर खतरा हैं बल्कि लाखों मुस्लिम नागरिकों का जीवन खतरे में डालते हैं। उपरोक्त घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए विनम्र प्रार्थना है कि आप इसका स्वत: संज्ञान लें और दोषी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121ए, 153ए, 153बी, 295ए, 298 के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दे।

यह भी बताया गया है कि हाल के भाषण इसी प्रकार के भाषणों की एक श्रृंखला का एक हिस्सा हैं..। उल्लेखनीय है कि अतीत के भाषणों के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153 ए, 153 बी, 295 ए, 504, 506, 120बी, 34 के प्रावधानों के तहत कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। हमें यह भी बताया गया है कि इस संबंध में अनुच्छेद 32 के तहत कुछ याचिकाएं भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं। इस प्रकार, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है, जो आज का क्रम बन गयी हैं। हमें यह भी सूचित किया गया है कि इस संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कुछ याचिकाएं भी माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचार के लिए लंबित हैं। राज्य की न्यायिक शाखा के प्रमुख के रूप में आपकी क्षमता के तहत त्वरित कार्रवाई की आशा करते हुए और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के साथ-साथ हमारे जैसे बहुसांस्कृतिक राष्ट्र के कामकाज के लिए मौलिक संवैधानिक मूल्यों के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को जानते हुए हम यह पत्र आपको लिख रहे हैं।

सादर हस्ताक्षरकर्ता :

1. अंजना प्रकाश, सीनियर एडवोकेट और पूर्व जज, पटना हाईकोर्ट 2. दुष्यंत दवे, सीनियर एडवोकेट 3. सलमान खुर्शीद, सीनियर एडवोकेट 4. प्रशांत भूषण, एडवोकेट। 5. राजू रामचंद्रन, सीनियर एडवोकेट। 6. हुजेफा अहमदी, सीनियर एडवोकेट। 7. सीयू सिंह, सीनियर एडवोकेट। 8. मीनाक्षी अरोड़ा, सीनियर एडवोकेट 9. वृंदा ग्रोवर, एडवोकेट। 10. हरिन रावल, सीनियर एडवोकेट 11.सिद्धार्थ दवे, सीनियर एडवोकेट 12.विभा मखीजा, सीनियर एडवोकेट 13. कविन गुलाटी, सीनियर एडवोकेट 14.पीवी सुरेंद्रनाथ, सीनियर एडवोकेट 15. बसवप्रभु पाटिल, सीनियर एडवोकेट 16.एजाज मकबूल, एडवोकेट 17.अमिता जोसेफ, एडवोकेट 18.शोमोना खन्ना, एडवोकेट. 19.फुजैल अहमद अय्यूबी, एडवोकेट। 20.अमित आनंद तिवारी, एडवोकेट 21.शदान फरासत, एडवोकेट 22.जगदीप एस. छोक्‍कर, एडवोकेट 23. मोहम्मद निजामुद्दीन पाशा, एडवोकेट 24.अनुज प्रकाश, एडवोकेट 25.शोएब आलम, एडवोकेट 26.राजेश त्यागी, एडवोकेट 27.पायोली, एडवोकेट 28.कबीर दीक्षित, एडवोकेट. 29.अलदानिश रीन, एडवोकेट 30.चेरिल डिसूजा, एडवोकेट 31.अंदलीब नकवी, एडवोकेट 32.प्रेरणा चतुर्वेदी, एडवोकेट 33. ननिता शर्मा, एडवोकेट 34.पायल गायकवाड़, एडवोकेट 35.रितेश धर दुबे, एडवोकेट 36.शहाब अहमद, एडवोकेट 37.सूर्य प्रकाश, एडवोकेट 38.शशांकराज सिंह, एडवोकेट 39.प्रियंका शुक्ला, एडवोकेट 40.शालिनी गेरा, एडवोकेट 41.आदित्य श्रीवास्तव, एडवोकेट 42. आफरीन, एडवोकेट 43. सुभाष चंद्रन केआर, एडवोकेट 44. रऊफ रहीम, एडवोकेट 45. कुमारेश त्रिवेदी, एडवोकेट 46.अनस तनवीर, एडवोकेट 47.ताहिनी भूषण, एडवोकेट 48. विनायक पंत, एडवोकेट. 49.सीतवत नबी, एडवोकेट 50. विनायक पंत, एडवोकेट 51.अभिष्ट हेला, एडवोकेट 52.सैयद जफर आलम, एडवोकेट 53.चंद्रसन बी राव, एडवोकेट 54.आदित्य कुमार, एडवोकेट 55.मणि गुप्ता, एडवोकेट 56.अभिषेक एन त्रिपाठी, एडवोकेट 57.पूर्वी जितेंद्र मलकान, एडवोकेट 58. हर्ष पाराशर, एडवोकेट 59.अवनि बंसल, एडवोकेट 60. मिशिका सिंह, एडवोकेट 61.रुखसाना चौधरी, एडवोकेट 62. लारा जेसवानी, एडवोकेट 63.कृतिका अग्रवाल, एडवोकेट 64. तल्हा सलारिया, एडवोकेट 65.सूर्य राजप्पन, एडवोकेट 66.नवीन नागार्जुन, एडवोकेट 67. मोहतासिम सैयद, एडवोकेट 68. भारती मोहन, एडवोकेट 69.नेहा राठी, एडवोकेट 70.अनुभा रस्तोगी, एडवोकेट. 71.मधुर भारतीय, एडवोकेट 72.वर्तिका मणि त्रिपाठी, एडवोकेट 73.योगमाया एमजी, एडवोकेट 74.चंद्रचूण भट्टाचार्य, एडवोकेट 75.नयनतारा रॉय, एडवोकेट 76.जयंत त्रिपाठी, एडवोकेट।

(livelawhindi से साभार)

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