14जनवरी। सच के लिए समर्पित श्रेष्ठ पत्रकार भाई कमाल ख़ान के देहांत से सारा नागरिक समाज शोकाकुल है। उनकी पत्रकारिता का आदर्श सच की प्रस्तुति थी। उनकी नजर समाज के सरोकारों से जुड़ी खबरों पर ही रहती थी। वह सनसनीख़ेज़ बातों की बजाय संजीदगी पर जोर देने के कारण हम सबकी निगाहों में भरोसेमंद पत्रकार थे। हमें उनपर यकीन था। हम उनका दिल से सम्मान करते थे। इसलिए उनका निधन हम सबकी निजी क्षति है। हमारी विनम्र श्रद्धांजलि….
– आनंद कुमार
गंगा जमुनी तहजीब के पत्रकार कमाल ख़ान नहीं रहे। वे अपने नाम के अनुरूप कमाल के पत्रकार थे। बेहद संजीदा और समझदार। वे कभी लाउड नहीं हुए जबकि गोदी मीडिया के सारे पत्रकार लाउड हैं। उनकी भाषा कमाल की थी। हिंदी उर्दू के मेल से वे एक हिंदुस्तानी जुबान में अपनी बात कहते थे। वे पत्रकारिता को जिम्मेदार काम मानते थे और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते थे। उनमें विनम्रता भी थी और गहरी मानवीयता थी। उनमें अहंकार और आत्मप्रदर्शन नहीं था बल्कि उनकी आवाज में एक करुणा थी।एक अलग शैली एक अलग अंदाज। मेरी ही उम्र के थे।अफसोस उनसे कभी मुलाकात नहीं हुई न बात हुई लेकिन वे स्वप्नजीवी पत्रकार थे। उनको मेरा नमन। उनका प्रशंसक मैं भी था।
– विमल कुमार
साल 2021-22 बहुत ही मनहूस रहा। आज सुबह सुबह पत्रकार कमाल ख़ान का निधन मन को विचलित कर दिया। कमाल ख़ान को साल 2019 का नागरिक मंच ने नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था। इससे पहले विनोद दुआ हमारे बीच नहीं रहे। उन्हें भी नागरिक मंच ने नागरिक सम्मान 2020 से सम्मानित किया था। इस कोरोना के दौर ने हमारे बहुत सारे साथियों को अपने आगोश में ले लिया है। नागरिक मंच इस दुख के समय में उन सभी के दुखी परिवारों के साथ है।
– अनिल ठाकुर
एनडीटीवी पर जिनकी रिपोर्टिंग, स्क्रिप्ट और प्रस्तुति के सभी मानकों पर श्रेष्ठ रिपोर्टिंग, के हम सब कायल रहे हैं और फील्ड रिपोर्टर होने पर भी जो किसी ऐंकर से कम सम्मान के हकदार नहीं रहे हैं, ऐसे वरिष्ठ और अतुलनीय पत्रकार कमाल खान हमारे बीच नहीं रहे। एनडीटीवी के ट्विटर हैंडल से ही अभी-अभी यह समाचार मिला है कि आज सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका इंतकाल हो गया।
एनडीटीवी इंडिया के दर्शक जितना रवीश कुमार को जानते और उनके प्रति लगाव रखते हैं, उनसे कम प्यार यूपी के रिपोर्टर कमाल ख़ान को नहीं करते थे। सरे-जमीन रिपोर्टिंग और खबरों के विश्लेषण में उन्हें सचमुच महारथ हासिल था । टीवी पत्रकारिता के लिए संकट की इस घड़ी में ऐसे एक निष्ठावान, समर्थ पत्रकार की असमय मृत्यु बहुत ही दुखद घटना है। टीवी जगत से ऐसी प्रभावशाली आवाज का चला जाना, पहले से ही गूँगा बना दिये जा रहे इस जगत के लिए किसी असह्य हादसे से कम नहीं है। यह जगत उनके न रहने से सचमुच कुछ और वीरान हो गया है। कल रात तक भी वे एनडीटीवी इंडिया पर यूपी चुनाव की घटनाओं की रिपोर्टिंग कर रहे थे। वे अभी सिर्फ बासठ साल के हुए थे ।
हम कमाल ख़ान की स्मृतियों में आंतरिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार और परिजनों तथा पूरे एनडीटीवी परिवार के प्रति शोक की इस घड़ी में अपनी संवेदना प्रेषित करते हैं।
अलविदा कमाल खान!
– अरुण माहेश्वरी
एनडीटीवी के पत्रकार कमाल ख़ान का निधन संजीदा पत्रकारिता, समाज और गंगा जमुनी तहजीब की गहरी क्षति है। समता मार्ग की ओर से श्रद्धांजलि।