19 मार्च। सूबे की योगी सरकार ने बीते पांच सालों में जालसाजी, घपलेबाजी, भ्रष्टाचार सहित अन्य अपराध के मामले में बाकी प्रदेशों को बहुत पीछे छोड़ दिया है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूपी में 1.7 करोड़ फर्जी राशन पकड़े गए हैं जो गरीबों के राशन पर डाका डाल रहे थे।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से अब राशन कार्ड का वितरण ऑनलाइन पीओएस मशीनों के जरिए किया जा रहा है। जिसके तहत राशन कार्ड को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया भी की जा रही है। बावजूद इसके सात सालों में यानी कि 2014 से 2021 के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी राशन कार्डधारी पकड़े गए हैं जो योग्य नहीं थे फिर भी राशन का लाभ उठा रहे थे। इसमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में फर्जी राशन कार्ड धारी पकड़े गए हैं। यहां 1 करोड़ 70 लाख 75 हजार 301 फर्जी राशन कार्डधारी मिले हैं। जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 41 लाख 65 हजार 552 और तीसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल में 41 लाख 9 हजार 873 फर्जी राशन कार्डधारी मिले हैं।
यह जानकारी हाल ही में राज्यसभा में सांसद हरनाथ सिंह यादव के सवाल पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी चौबे द्वारा पेश रिपोर्ट में दी गयी है। वहीं चौथे नंबर पर मध्य प्रदेश रहा है, जहां पर 23 लाख 53 हजार 760 लोगों के राशन कार्ड फर्जी पाए गए। यानी नियमानुसार इन्हें राशन लेने की पात्रता नहीं थी। जांच के बाद इन सभी के नाम कार्ड से हटा दिए गए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से चुनाव को ध्यान में रखते हुए फ्री राशन की सुविधा दी जा रही थी, जिसके तहत गरीब परिवार इसका लाभ उठा रहे हैं। परन्तु, चुनाव खत्म होते ही फ्री राशन की योजना खत्म होने वाली है। हालांकि, इस सुविधा को आगे भी दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। खाद्य एवं रसद विभाग की ओर से सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है।
(MN News से साभार)
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