सरकार विधायक निधि, मंत्रियों का भत्ता बढ़ा सकती है तो हमारा वेतन क्यों नहीं?

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27 मार्च। मध्य प्रदेश में प्रदेशव्यापी आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं की हड़ताल लगातार 22 वें दिन भी जारी रही। धरना स्थल पर पहुंचे नरयावली विधायक प्रदीप लारिया ने हड़ताल का समर्थन किया और उनकी माँगों के संबंध में सीएम से चर्चा करने का आश्वासन दिया।

धरना प्रदर्शन को संबोंधित करते हुए कहा कि आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शासकीय कर्मचारियों की भाति मेहनत और लगन से कार्य करतीं हैं, जिन्हें शासकीय वेतन भोगी घोषित करने, मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा पर अमल कराने, मैं मुख्यमंत्री से मिलकर माँगों को पूरा कराने का प्रयास करुँगा। उन्होंने चिलचिलाती धूप में हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रति सहानुभूति जताते हुए देर से आने पर सभी से हाथ जोड़कर माफी माँगी और कहा कि जब भी मेरी जरूरत हो मैं तत्पर हाजिर हो जाऊँगा। शिवसेना उपराज्य प्रमुख पप्पू तिवारी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार जब विधायकों की निधि, मंत्रियों का भत्ता बढ़ा सकती है तो आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी का दर्जा देने में बिलंब क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि न्यनूतम वेतन 21 हजार रूपये शासन की ओर से तय है फिर आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में भारी भरकम कटौती क्यों।

सांसद, विधायकों के पहुंचने से उम्मीद की किरण जगी:-
संघ की अध्यक्ष लीला शर्मा ने आशा जताई कि आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल में अब सांसद, विधायकों के पहुँचने से उम्मीद की किरण जगी है। यदि हमें शासकीय वेतन भोगी नहीं बनाया जाता तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। शिवसेना संगठन प्रमुख हेमराज आलू ने कहा कि सरकार आँगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिहाड़ी मजदूर भी नही समझती उन्हें इनकी माँग मानने में बिलंब नहीं करना चाहिए। हड़ताल में आचार्य मदन गोपाल शास्त्री, पं. संजय बाजपेयी, प्रदीप पाण्डेय, बबीता खटीक, वंदना दुबे, देशा द्विवेदी, दुर्गा लोधी, अनीता दुबे, राधा क्रांति ठाकुर, मालती, सरोज, विजयरानी, प्रभा, सरीता, प्रीति यादव, अंजली, सीमा, संतोषरानी, सुषमा रजक, गायत्री गंगेले, नेहा चौरसिया, सावित्री दिव्या, बिनीता नामदेव, ज्योति रजक, ताहिरा, निधि, रश्मि पाण्डेय, शारदा, सुनीता, सबीता, बबीता, गायत्री, रानी दुबे, सीमा हजारी, प्रतिमा चौहान, शिल्पी कोरी, राजश्री दुबे, नीलमणि यादव उपस्थित थीं।

(‘नई दुनिया’ से साभार)


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