सिंगरौली में विस्थापन विरोधी आंदोलन, प्रभावितों से मिले डॉ सुनीलम

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27 मार्च। किसान संघर्ष समितिच के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने 26 मार्च को ग्राम मुहेर, ग्राम सोनगढ़ एवं ग्राम झलरी का दौरा किया। निगाही प्रोजेक्ट (एनसीएल) के 250 प्रभावितों के प्रतिनिधियों से ग्राम मुहेर में बातचीत की। इस दौरान प्रभावितों ने उन्हें बताया कि प्रशासन ने प्रोजेक्ट की कोई जानकारी उन्हें लिखित तौर पर नहीं दी है। उन्होंने इस संबंध में जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस प्रशासन द्वारा प्रभावितों को जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। वहां कोयला खुदाई के लिए इस तरह की ब्लास्टिंग की जा रही है जिससे घरों में दरारें पड़ रही हैं। डस्ट के कारण आसपास के खेत खेती करने लायक नहीं बचे हैं। उसका भी कोई मुआवजा किसानों को नहीं दिया जा रहा है।

प्रोजेक्ट प्रभावितों द्वारा सभी प्रभावित परिवारों के रोजगार का इंतजाम, प्लाट की व्यवस्था, शिक्षा एवं चिकित्सा की व्यवस्था करने की मांग की जा रही है। जबकि कंपनी 2 एकड़ से अधिक रकबे वाले भूस्वामियों को ही रोजगार उपलब्ध कराने का मौखिक आश्वासन दे रही है।

युवाओं ने बताया कि कंपनियां एक से डेढ़ लाख रुपये लेकर बेरोजगारों को 6 महीने, 1 साल के बाद कुछ ही युवाओं को नौकरियां उपलब्ध कराती हैं। बीच में उन्हें निकाल दिया जाता है।

पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने वृहद गोंड बांध परियोजना (सोनगढ़-चमारी डोल) के विरोध में बांध प्रभावित 33 गांवों के किसानों द्वारा 23 फरवरी से चलाए जा रहे आंदोलन के सिलसिले में किसान पंचायत को संबोधित किया। ग्रामवासियों ने बताया कि उन्हें बांध से संबंधित कोई जानकारी लिखित तौर पर नहीं दी है तथा कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बगैर कार्य की शुरुआत कर दी गयी है। जिससे आदिवासियों में अत्यधिक आक्रोश है। प्रशासन द्वारा जमीन के बदले जमीन दिए बगैर तथा वैकल्पिक रोजगार का इंतजाम किए बगैर उजाड़ने का प्रयास किया जा रहा है। धरनास्थल पर हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि वे आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक बांध निर्माण परियोजना को निरस्त नहीं किया जाता या वहां से अन्य किसी स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जाता।

पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने सुलियरी कोल माइंस प्रभावित क्षेत्र के झलरी ग्राम के प्रभावितों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा ढाई महीने के बाद आंदोलनकारियों को डरा-धमका कर और भ्रमित कर तमाम फर्जी मुकदमे थोप दिए। कोरोना की आड़ में धरना बंद करा दिया गया लेकिन पीड़ितों को अब तक न्याय नहीं मिला है। डॉ सुनीलम ने फर्जी मुकदमे रद्द करने की मांग की। उन्होंने बिना विस्थापन के कोयला खदान शुरू कर देने को गैरकानूनी बताया।

डॉ सुनीलम ने बताया कि किसान संघर्ष समिति द्वारा 28 – 29 मार्च के देश भर के श्रमिक संगठनों द्वारा की जा रही राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन किया जाएगा।

डॉ सुनीलम ने सिंगरौली के विभिन्न प्रोजेक्ट क्षेत्रों में सक्रिय संगठनों से अपील की है कि वे संयुक्त किसान मोर्चा की तरह सिंगरौली में प्रभावितों के बीच सक्रिय संगठनों से एकजुटता बनाकर कारपोरेट को अधिकतम मुनाफा देने के उद्देश्य से प्राकृतिक संसाधनों की लूट को रोकने के लिए सामने आएं।

डॉ सुनीलम ने मुख्यमंत्री से मीडिया की उपस्थिति में सभी प्रोजेक्ट प्रभावितों की जन सुनवाई आयोजित करने की अपील की ताकि भू अर्जन माफिया, पुलिस प्रशासन और कंपनी के अत्याचारों का खुलासा हो सके।

डॉ सुनीलम ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल भैया द्वारा सोनगढ़ बांध रुकवाने के लिए हर कुर्बानी देने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें सिंगरौली में चल रहे सभी प्रॉजेक्ट प्रभावितों के आंदोलन के समर्थन में और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। डॉ सुनीलम ने गैर-भाजपा दलों से अपील की है कि वे विस्थापितों के न्यायपूर्ण पुनर्वास और कारपोरेट की लूट को रोकने के लिए व्यापक रणनीति और एकजुटता बनाएं।

दौरे में किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम के साथ किसान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष अशोक सिंह पैगाम, संयोजक निसार आलम अंसारी, रतीभान प्रसाद, गुलाम नबी,जगधारी सिंह पैगाम शामिल हुए।

– अशोक सिंह पैगाम
जिला अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति

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