सर्दी की तरह गर्मी भी ढाएगी सितम, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

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2 अप्रैल। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अप्रैल 2022 के लिए तापमान का मासिक पूर्वानुमान तैयार किया है। आईएमडी ने बताया कि उन्होंने मल्टी मॉडल एन्सेम्बल (एमएमई) आधारित पूर्वानुमान प्रणाली का उपयोग करते हुए अप्रैल 2022 में बारिश का मासिक पूर्वानुमान प्रस्तुत किया है।

मौसम विभाग के मुताबिक अप्रैल महीने के दौरान उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में तापमान के सामान्य से अधिक होने के आसार हैं। वहीं भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप, पूर्वी भारत के कई हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के आसपास के क्षेत्रों में तापमान के सामान्य से कम रहने का अनुमान है।

अप्रैल के महीने में उत्तर-पश्चिम, मध्य और उत्तर-पूर्व भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य अधिक रहने की आशंका जताई गयी है। भारत के दक्षिण प्रायद्वीप, मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के दक्षिणी हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना है।

अप्रैल 2022 में देश भर में औसत बारिश सामान्य के करीब होने की संभावना है। बारिश लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 89-111 फीसदी तक रहने का अनुमान है। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने के आसार हैं। दक्षिण प्रायद्वीप के कई हिस्सों, पश्चिम मध्य भारत के आसपास के इलाकों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है।

वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति जारी है। नवीनतम मानसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) के पूर्वानुमान से पता चलता है कि ला नीना की स्थिति पूरे अवधि के दौरान जारी रहने के आसार हैं।

अन्य जलवायु मॉडल भी गर्मी के मौसम में संभावित ला नीना स्थितियों के लिए बढ़े हुए संकेत दे रहे हैं। वर्तमान में हिंद महासागर के ऊपर तटस्थ या इंडियन ओसियन डिपोल (आईओडी) की स्थितियाँ बनी हुई हैं और नवीनतम एमएमसीएफएस के पूर्वानुमान से पता चलता है की इंडियन ओसियन डिपोल (आईओडी) की स्थिति गर्मी के मौसम के दौरान जारी रहेगी।

क्योंकि प्रशांत और हिंद महासागरों में समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) में होनेवाला बदलाव भारतीय जलवायु को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है, आईएमडी ने बताया कि वह इन महासागर घाटियों पर समुद्री सतह की स्थिति के विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।

(Down to earth से साभार)


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