16 अप्रैल। मध्यप्रदेश के रीवा में समाजवादी जन परिषद, नारी चेतना मंच एवं विंध्यांचल जन आंदोलन के तत्वावधान में ऐतिहासिक जय स्तंभ को बचाने और यूक्रेन-रूस युद्ध के विरोध में तथा विश्व शांति के लिए दीप प्रज्वलन सत्याग्रह 52 वें दिन भी जारी रहा। दीप प्रज्वलन कार्यक्रम में किसान संघर्ष समिति के नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
जय स्तंभ बचाओ कार्यक्रम में अपनी भागीदारी निभाते हुए किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने कहा कि यह भारी विडंबना है कि ऐतिहासिक धरोहर जय स्तंभ के अस्तित्व के सवाल को लेकर चुने हुए जनप्रतिनिधियों की जुबान पर ताला लगा हुआ है। जय स्तंभ स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक चिह्न है जिसे हटाया नहीं जा सकता। जय स्तंभ राष्ट्रीय धरोहर होने के साथ ही ऐतिहासिक यादगार है। जय स्तंभ हमारे देश की आजादी की लड़ाई का प्रतीक चिह्न है जिसे निर्धारित स्थान से हटाया जाना सरासर गलत होगा। जय स्तंभ को यथास्थान स्थापित रखा जाए, न कि विस्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि जय स्तंभ भारत के स्वतंत्रता आंदोलन एवं संप्रभुता का प्रतीक चिन्ह है जिसकी ऐतिहासिक अस्मिता बचाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, लोकतंत्र सेनानियों, इतिहासकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं नागरिकों को मुखर होना चाहिए। सोने की प्रतिकृति भी जयस्तंभ की जगह नहीं ले सकती है।
छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश से आयीं किसान संघर्ष समिति की नेता अनुराधा भार्गव एडवोकेट ने कहा कि जयस्तंभ सभी धर्म, सभी वर्ग, सभी समुदाय के लोगों की आस्था का प्रतीक है, इसका महत्त्व किसी भी उपासना स्थल से कम नहीं है। जय स्तंभ चौक के पास मौजूद पुराने गवर्नमेंट प्रेस को हटाकर बनाए गए उद्योगपति समदड़िया मॉल के सौंदर्यीकरण के लिए जय स्तंभ को हटाए जाने की बात निश्चित रूप से आपत्तिजनक है। ऐतिहासिक जय स्तंभ को केन्द्र बनाकर , जय स्तंभ चौक का सौंदर्यीकरण किया जाए, न कि समदड़िया मॉल के लिए जय स्तंभ को हटाया जाए।
इस अवसर पर समाजवादी जनपरिषद के नेता अजय खरे ने कहा कि ऐतिहासिक धरोहरों को उनके मूल स्थान से हटाए जाने की कुत्सित कोशिश इतिहास के साथ क्रूर खिलवाड़ होगा। किसी भी क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक धरोहरें और स्मारक गर्व का विषय होते हैं लेकिन यह भारी विडंबना है कि रीवा में सुनियोजित तरीके से इतिहास को ही मिटाया जा रहा है। जय स्तंभ स्वतंत्रता आंदोलन, अमर शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के त्याग व बलिदान की राष्ट्रीय धरोहर है जिसकी घनघोर उपेक्षा बेहद चिंताजनक एवं निंदनीय है।
दीप प्रज्वलन सत्याग्रह कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाजवादी जन परिषद के नेता लोकतंत्र सेनानी अजय खरे, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, किसान संघर्ष समिति की नेता अनुराधा भार्गव एडवोकेट, जय स्तंभ क्षेत्र के प्रतिष्ठित नागरिक सुभाष चंद प्रजापति, समाजवादी नेता नरेंद्र प्रताप सिंह, किसान संघर्ष समिति के नेता इंद्रजीत सिंह संखू , निसार आलम, समाजसेवी विजय मिश्रा एडवोकेट, बस स्टैंड व्यापारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, कुलदीप नामदेव, रावेंद्र श्रीवास, अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ के नेता प्रमोद पटेल आदि की भागीदारी रही।