दलित बौद्धिक रविकांत चंदन पर हमले और जानलेवा धमकी की निन्दा

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11मई। स्वराज इंडिया ने जाने-माने दलित बौद्धिक और लखनऊ विश्वविद्यालय में हिंदी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रविकांत चंदन पर हुए हमले और उन्हें जान से मारने की धमकी की भर्त्सना की है। प्रोफेसर चंदन को एबीवीपी और छद्म हिंदूवादी ताकतों द्वारा एक समाचार कार्यक्रम पर पट्टाभि सीतारमैया द्वारा लिखित पुस्तक ‘फेदर्स एंड स्टोन्स’ से एक किस्सा सुनाने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।

एबीवीपी और छद्म हिंदूवादी विश्वविद्यालय परिसर में घुस गए, हिंदी विभाग को घेर लिया, और प्रोफेसर चंदन के खिलाफ हिंसात्मक नारेबाज़ी की। प्रोफेसर चंदन को विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर के कार्यालय में शरण लेनी पड़ी। इस बीच पुलिस ने गुंडों को गिरफ्तार करने की बजाय प्रोफेसर चंदन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

यह हमला बढ़ती असहिष्णुता और बहस तथा असहमति के माहौल को कुचलने के लिए धमकी और हिंसा के इस्तेमाल का एक और उदाहरण है। इस बीच प्रदेश सरकार भीड़ का बचाव और समर्थन करना जारी रखती है।

स्वराज इंडिया ने मांग की है कि प्रोफेसर चंदन के खिलाफ प्राथमिकी तुरंत रद्द की जाए, उन्हें और उनके परिवार को सभी आवश्यक सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके अलावा स्वराज इंडिया ने यह भी मांग की है कि प्रोफेसर चंदन को जान से मारने की धमकी देनेवाले गुंडों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।


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