27 मई। पंजाब में मजदूरों की दिहाड़ी 700 रुपये किए जाने और कपास में रोग लग जाने का मुआवजा मजदूरों को भी दिए जाने की माँग को लेकर बुधवार को सैकड़ों मजदूरों ने मानसा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मजदूर मुक्ति मोर्चा पंजाब (खेम्स) की मानसा जिला इकाई ने डीसी दफ्तर के सामने इस धरने का आह्वान किया था। मोर्चे की ओर से डिप्टी कमिश्नर को माँगपत्र भी सौंपा गया। इस प्रदर्शन में महिलाओं ने भारी संख्या में भागीदारी की।
वर्कर्स यूनिटी से बातचीत के दौरान मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रेसिडेंट भगवंत सिंह समाओ ने कहा कि, यदि सरकार हमारी माँगों को पूरा नहीं करती है तो आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का कड़ा विरोध किया जाएगा। साथ ही उनका कहना है, कि जिस प्रकार सरकार ने अमीरों और किसानों का कर्ज माफ किया है, उसी प्रकार मजदूरों का कर्ज भी माफ किया जाना चाहिए।
मजदूर मुक्ति मोर्चा के जिला प्रधान हिम्मत सिंह ने कहा कि “सरकार ने सत्ता में आने से पहले बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन अब तक सरकार ने मजदूरों की किसी भी माँग को पूरा नहीं किया है।” प्रदर्शनकारियों का आरोप है, कि बिजली के बड़े-बड़े बिलों की समस्या हल करने के बारे में सरकार कुछ नहीं कर रही है।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य माँगें
# धान प्रति एकड़ 6000 रुपये ठेका और 700 रुपए दिहाड़ी की जाए।
# मनरेगा कानून के तहत हर एक मजदूर को 200 दिन का काम दिया जाए।
# मजदूरों और गरीब महिलाओं पर जो कर्जा है, उसे माफ किया जाए।
# बेरोजगार नौजवानों को खाली पड़ी पदों पर भर्ती किया जाए।
# अनाज सुरक्षा के तहत उन्हें आटा, दाल, तेल, चीनी, चाय व अन्य सामान देने का प्रबंध किया जाए।
# नरमे (कपास) में रोग लगने का मुआवजा बिना शर्त मजदूरों को दिया जाए।
मजदूर मुक्ति मोर्चा के प्रेसिडेंट भगवंत सिंह समाओ, सीपीआई माले के स्टेट सेक्रेटरी रजविंदर सिंह राणा, मोर्चा के जिला अध्यक्ष निक्का सिंह बहादुरपुर, एक्टू के नेता सुखविंदर सिंह बोहा, एपवा नेता जसबीर कौर नट, आइसा नेता गुरविंदर सिंह नंदगढ़ आदि लोग मौजूद थे।
(Workers Unity से साभार)