मुंडका अग्निकांड : ट्रेड यूनियनों का प्रदर्शन, मुआवजा बढ़ाने की माँग

0

2 जून। दिल्ली में मुंडका जैसी आग की खतरनाक घटनाओं के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच की ओर से दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया गया। राजधानी में ट्रेड यूनियनों ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास तक मार्च निकाला, जिसमें मुंडका में आग की घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के लिए अनुग्रह राशि के रूप में 50 लाख देने की माँग की।

दिल्ली में मुंडका जैसी आग की खतरनाक घटनाओं के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने 2 जून 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के माध्यम से मुंडका में आग की घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने और अपने प्रियजनों को खोनेवाले परिवारों के लिए 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की माँग उठाई।

इस प्रदर्शन का आह्वान INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC, MEC, ICTU, और IFTU ने किया था। परन्तु मुख्यमंत्री निवास तक के मार्च को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया। जिसके बाद ट्रेड यूनियन कार्यकर्ताओं ने सड़क पर ही अपनी जनसभा लगा दी।

पिछले महीने की शुरुआत में पश्चिमी दिल्ली के मुंडका में एक व्यावसायिक इमारत में कथित तौर पर शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। जिसमें कम से कम 27 लोगों की जान ले ली गई थी, जिनमें से 21 महिलाएँ थीं। प्रारंभिक जाँच में सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी की एक श्रृंखला नजर आती है। जिससे साफ दिख रहा है कि  मकान मालिक और सीसीटीवी और वाईफाई राउटर निर्माण इकाई के मालिक खुलेआम सुरक्षा मानकों की धज्जियाँ उड़ा रहे थे।

अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) के धीरेंद्र शर्मा ने कहा, कि दिल्ली सरकार भी उन कठिनाइयों के प्रति संवेदनशील नहीं है, जो मजदूर वर्ग के परिवारों को एक कमानेवाले सदस्य को खोने के बाद झेलनी पड़ती हैं। शर्मा सरकार द्वारा दिए गए अनुग्रह राशि की घोषणा को अपर्याप्त बताते हुए आलोचना करते हैं। सीएम केजरीवाल ने मुंडका अग्निकांड में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। इस बीच गुरुवार के विरोध से एक दिन पहले मुंडका अग्निकांड के पीड़ित परिवारों के सदस्यों द्वारा उक्त इमारत के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों द्वारा अभी तक पहचाने जाने वाले शवों पर किए गए डीएनए परीक्षणों की रिपोर्ट माँगी गई थी।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बरामद किए गए 27 शवों में से केवल आठ की पहचान की गई है। दिल्ली पुलिस ने पहले कहा था कि उसने डीएनए प्रोफाइलिंग के लिए 26 लोगों के जैविक नमूने एकत्र किए हैं। बुधवार को पीटीआई ने परिवार के सदस्यों को यह दावा करते हुए बताया, कि विनाशकारी घटना को दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन कई पीड़ितों के अवशेष उनके परिवारों को नहीं सौंपे गए हैं।

(‘न्यूजक्लिक’ से साभार)


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment