7 जून। पांच साल पहले मंदसौर गोलीकांड में शहीद हुए 8 किसानों की स्मृति में पटना में 6 जून को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले प्रतिवाद मार्च एवं सभा का आयोजन किया गया। जीपीओ गोलम्बर से करीब साढ़े चार बजे शाम में प्रतिवाद मार्च आरम्भ हुआ और बुद्ध स्मृति पार्क, फ्रेजर रोड, पटना पहुंचकर एक सभा में बदल गया। प्रतिवाद सभा को शुरुआत में सम्बोधित करते हुए अ.भा. खेत मजदूर किसान सभा के नन्द किशोर सिंह ने सभा की अध्यक्षता के लिए अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता साथी उमेश सिंह का नाम प्रस्तावित किया। सभा को सम्बोधित करनेवाले प्रमुख नेताओं में अखिल भारतीय किसान सभा के बिहार इकाई के सचिव विनोद कुमार सिंह, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता कृष्ण देव यादव , अ.भा. किसान खेत मजदूर संगठन के नेता मणिकांत पाठक , जय किसान आन्दोलन के नेता ऋषि आनन्द, अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के नेता सुभाष यादव, बिहार राज्य ईख उत्पादक संघ के महासचिव प्रभु राज नारायण राव, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के महासचिव विजय कुमार चौधरी, एनएपीएम के नेता उदयनचन्द्र राय, जल्ला किसान संघर्ष समिति के सचिव शंभुनाथ नाथ मेहता शामिल थे। कार्यक्रम में शिरकत करनेवाले अन्य उल्लेखनीय लोगों में सीपीआई (एम) के नेता अरुण कुमार मिश्रा, किसान महासभा के मुन्ना चौहान एवं अविनाश पासवान, सामाजिक कार्यकर्ता ग़ालिब जी, संस्कृतिकर्मी जयप्रकाश, मजदूर नेता सूर्यकर जीतेन्द्र एवं जीतेन्द्र कुमार, बिहार राज्य किसान सभा के नेता सोनालाल प्रसाद, महिला नेता अनामिका , एसयूसीआई (कम्युनिस्ट) के नेता राजकुमार चौधरी आदि थे।
सभा की शुरुआत में मन्दसौर पुलिस गोलीकांड तथा किसान आन्दोलन में शहीद हुए तमाम किसानों की स्मृति में एक मिनट का मौन धारण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। प्रतिवाद सभा में वक्ताओं ने एम.एस.पी. की कानूनी गारंटी, बिजली विधेयक 2020 की वापसी, बिहार में कृषि मंडी की पुनर्बहाली, तमाम शहीद किसानों के परिजनों को समुचित मुआवजा, किसान आन्दोलन के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने, जनवितरण प्रणाली को बहाल एवं मजबूत करने सम्बन्धी मांगों को पूरा करने पर जोर दिया। किसान आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की सभी न्यायपूर्ण मांगों को सरकार मान नहीं लेती, इस प्रकार का संकल्प लगभग सभी नेताओं ने लिया। साथी उमेश सिंह के अध्यक्षीय भाषण के बाद सभा की समाप्ति की घोषणा की गयी।