9 जून। पंजाब सरकार की मुंहजबानी आश्वासन पर कम भरोसा जताते हुए खेतिहर मजदूर यूनियनों के साझा मोर्चा ने संगरूर अनाज मंडी में गुरुवार को ‘चेतावनी रैली’ निकाली। हालांकि रैली पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर तक निकाले जानी वाली थी, लेकिन प्लान बदल कर रैली अनाज मंडी में की गई। रैली के दौरान भूमिहीन दलितों के लिए आरक्षित एक-तिहाई पंचायती जमीन की डमी नीलामी के खिलाफ आवाज बुलंद की गई।
मंगलवार की तरह मजदूर यूनियनों की मुख्यमंत्री के साथ बुधवार को भी मीटिंग थी, जिसमें मान की जगह पर राजस्व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल आए थे। पंजाब खेत मजदूर यूनियन (PKMU), जमीन प्राप्ति संघर्ष कमिटी (ZPSC), पंजाब मजदूर यूनियन और क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के संयुक्त मोर्चे के इस प्रदर्शन में मौजूद सूत्रों के मुताबिक दस हजार से भी ज्यादा लोग रैली में शामिल हुए।
यूनियन लीडरों ने कहा, कि सरकार ने आश्वासन दिया है, कि दलितों को मिलनेवाली पंचायती जमीन की डमी नीलामी की जाँच के लिए सात-सदस्यीय टीम का गठन किया जाएगा और दलितों को कम दाम पर जमीन दी जाएगी। लेकिन PKMU के अनुसार अभी भी 22 गाँवों में डमी नीलामी के विरोध में रद्द हुए चुनाव अभी तक नहीं कराए गए हैं। रैली में पंचायत द्वारा अवैधानिक रूप से मजदूरी दर निर्धारित करने के विरोध में बात उठाई गई।
यूनियनों का कहना है, कि पंचायत या किसी व्यक्ति को मजदूरी दर पर ऊपरी सीमा लगाने का अधिकार नहीं है, और इसीलिए मजदूरी नियोक्ता और मजदूर के आपसी समझौते से निर्धारित होना चाहिए। जो भी मनमाने ढंग से मजदूरी तय करने की कोशिश करे, उसके खिलाफ ST/SC (Prevention of Atrocities) Act, 1989 के तहत कार्रवाई की जाने की माँग की गई है।
धान रोपाई की मजदूरी दर 6000 रुपए प्रति एकड़ करने के साथ-साथ 16 और माँगों के लिए भी यूनियनें सरकार पर दबाव बना रही हैं। धूरी में मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर एक और धरना दिया था। इस बीच इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2 जून से धूरी में मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर एक और धरना चल रहा है। चूंकि धुरी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का निर्वाचन क्षेत्र है, इसलिए धूरी में किराए के आवास में मुख्यमंत्री के उप-कार्यालय की व्यवस्था की गयी है। यहाँ के किसान धूरी की एक निजी चीनी मिल पर गन्ना के बकाया भुगतान को लेकर विरोध कर रहे हैं। किसान अवतार सिंह के मुताबिक, किसानों का करीब 14 करोड़ रुपये बकाया है, जिसमें से करीब 1.79 करोड़ रुपये सरकारी हिस्से का है। यह पैसा तीन साल से अधिक समय से बकाया है। रिपोर्ट के अनुसार संगरूर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आनेवाले धूरी में इस सीएम कार्यालय की छत पर तीन किसान भी बैठे हैं। किसान 10 जून को महाधरना प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं।
(Workers Unity से साभार)
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