10 जून। 2018 के रेवाड़ी के गैंगरेप की पीड़िता के पुनर्स्थापन पर महिला आयोग के निर्देशों की लगातार अवमानना पर महिला स्वराज ने हरियाणा महिला आयोग को लिखा पत्र। एक ईमेल के जरिये निर्देशों की अवमानना पर खेद जताते हुए महिला स्वराज ने आयोग के निर्देश (स्मरण पत्र क्रमांक ह. र. म. आ./A II/1810/21/2021/11220, दिनांक 30.3.2022 ) का हवाला देते हुए जहां एक तरफ पीड़िता की मांगों को पूरा करवाने में समयबद्ध प्रक्रिया की मांग की, वहीं यह भी मांग की कि प्रशासनिक अधिकारियों से इस पर जवाब भी लिया जाए। निर्देशों के पालन में विलंब से व्यथित परिवार 20 मई से जिला अधीक्षक के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठा है।
गौरतलब है कि 2018 में हुए इस गैंगरेप के कुल आठ आरोपियों में से केवल तीन को ही बीस-बीस साल की सज़ा हो पायी थी, बाक़ी सभी रिहा कर दिए गए थे। उन तीन में से एक अभी पैरोल पर है। पीड़िता का आरोप है कि एक तरफ तो दोषी पैरोल पर बाहर आकर उन्हें धमका रहा है, वहीं दूसरी ओर आज तक एक भी वैकल्पिक आवास का प्रबंध नहीं हो पाने के कारण पीड़ित परिवार असुरक्षित महसूस करता है। ईमेल में महिला स्वराज ने लिखा : ” ज़ाहिर है कि आवास की संस्तुति एक स्थायी आवास की ही की गयी होगी क्योंकि अन्याय का दंश झेल रही बेटी के पुनर्स्थापन की व्यवस्था दीर्घकालिक ही हो सकती है। ऐसे में जिला प्रशासन का ढुलमुल रवैया स्तब्ध करता है।”
महिला स्वराज की रेवाड़ी इकाई की अध्यक्ष श्रीमती राजबाला जी लगातार पीड़िता के संपर्क में हैं। पीड़िता के अनुसार आदरणीय मुख्यमंत्री, श्री मनोहरलाल खट्टर ने पीड़िता को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार नौकरी देने का भी आश्वासन दिया था। उसपर भी कोई ठोस कदम नहीं बढ़ाया गया। पीड़िता का पूरा परिवार आज गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहा है।
महिला स्वराज की अध्यक्ष शालिनी मालवीय ने याद दिलाया “महिला उत्पीड़न विशेषकर हमारे समाज में लड़कियों की सुरक्षा का समाधान केवल अदालतों में नहीं, समाज और सरकार के हर स्तर पर होने की दरकार है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की मुहीम में छोटी छोटी प्रक्रियाओं को भी सबल बनाने की जरूरत है। पीड़िता असुरक्षा और सामाजिक अवहेलना के बावजूद अपनी शिक्षा को पूरा ही नहीं कर रही, बल्कि उसमें सफलता भी हासिल कर रही है। ऐसे में हमारी इस बेटी का स्वाभिमान बना रहे, यह जिम्मेदारी हम सबकी है।”
महिला स्वराज ने महिला आयोग से मांग की है कि वे सम्बन्धित अधिकारियों से निर्देश की अवहेलना पर जवाब तलब करें और समयबद्ध प्रक्रिया के जरिये पीड़िता को किये गए वायदों को पूरा किया जाए। पीड़िता के पुनर्स्थापन के लिए निम्न तीन बिंदुओं पर त्वरित कार्रवाई हो –
1- पीड़िता और उसके परिवार के पुनर्स्थापन के लिए स्थायी आवास तुरंत दिया जाए।
2- गौर किया जाय कि इस दिल दहलाने वाले प्रकरण के बाद भी इस बहादुर बेटी ने स्वयं को शिक्षा से दूर नहीं किया। एम.एससी.-फिजिक्स कर रही है, इसीलिए उसे उसकी शैक्षिक योग्यता अनुसार नौकरी का प्रबंध किया जाय।
3- पीड़िता की सुरक्षा के लिए आर्म्स लाइसेंस की पेशकश को पूरा किया जाए।
महिला स्वराज ने कहा है कि महिला स्वराज महिला सुरक्षा और स्वाभिमान के लिए पीड़िता और उसके परिवार के साथ हर कदम पर संघर्ष करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह मुद्दा केवल एक पीड़िता का नहीं है, सरकार और समाज को इस तरह के जुर्म के खिलाफ जहाँ एकजुट होना होगा, वहीं ऐसे अन्याय से पीड़ित महिलाओं के साथ मजबूती से खड़ा भी होना होगा।