17 नवम्बर। राजनीति में हाशिए पर खड़े मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व और भी सिमटता जा रहा है। सबसे ज्यादा हैरानी की बात तो यह है कि जिस देश में मुसलमानों की आबादी को लेकर आरोप लगाया जाता है उसी देश में चुनाव में उनकी उम्मीदवारी बेहद कम है। इसका उदाहरण एक बार फिर से गुजरात विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है। बीजेपी पिछले 27 साल से गुजरात में सत्ता में है। अगर गुजरात में मुस्लिम आबादी की बात की जाए तो यहाँ वे करीब 58 लाख (कुल आबादी का 9.67 प्रतिशत) है। राज्य की कई सीटों पर मुस्लिम मत निर्णायक साबित हो सकता है।
गुजरात में 34 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 15 फीसदी से अधिक है। जबकि 20 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहाँ मुस्लिम वोटरों की संख्या 20 फीसदी से अधिक है, फिर भी बीजेपी ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारा है। राज्य विधानसभा में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व लगातार घटता जा रहा है। MN न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, आखिरी बार बीजेपी ने 24 साल पहले एक मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में उतारा था। इस बार अब तक जारी उम्मीदवारों की सूची में बीजेपी ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया है। जबकि कांग्रेस ने अब तक जारी 140 उम्मीदवारों की सूची में केवल छह मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है। अगर बात आम आदमी पार्टी की जाए तो उसकी 157 उम्मीदवारों की सूची में सिर्फ दो मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है।
– अंकित कुमार निगम
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.