12 जून। महंगाई को देखते हुए वेतन में बढ़ोत्तरी और दुर्घटना की स्थिति में जोखिम मुआवजा 10 लाख रुपये करने को लेकर बीते एक हफ्ते से नोएडा के करीब 3000 सफाई कर्मचारी नोएडा विकास प्राधिकरण के सेक्टर 6 कार्यालय के सामने पाँच दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। बीते पाँच दिनों से शहर में साफ सफाई ठप है। सफाई कर्मचारियों की मुख्य माँग है, कि सैलरी 17,600 रुपये की जाए लेकिन प्राधिकरण नए टेंडर के बाद इस बार बात करने को कह रहा है।
नोएडा अथॉरिटी ने ठेका के माध्यम से 2,830 सफाई कर्मचारियों को काम पर रखा है। इन कर्मचारियों की माँग, स्थायी किए जाने की भी है। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस (एबीएसएमसी) के पाँच पदाधिकारी कार्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे हैं, जिनमें दो महिला पदाधिकारी भी शामिल हैं। अभी तक नोएडा अथॉरिटी ने कोई ठोस आश्वासन भी नहीं दिया है।
यूनियन के नोएडा जिला प्रधान ताराचंद गहलोत ने कहा कि “हमने बीते फरवरी में एक डिमांड नोटिस अधिकारियों को सौंपा था। हमारी मुख्य माँग है तनख्वाह में बढ़ोत्तरी। जब हमने दो साल पहले अक्टूबर 2020 में हड़ताल की तो इसके सात महीने बाद अधिकारी माँग सुनने को राजी हुए थे।” सफाई कर्मियों का कहना है, कि जब तक उनकी माँगें नहीं मानी जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। चार दिनों से चल रही उनकी हड़ताल की वजह से शहर के कई हिस्सों से कूड़ा नहीं उठ पा रहा है जिससे गंदगी बढ़ती जा रही है।
पूरी तरह हड़ताल पर जाने से पहले बीते सोमवार को प्राधिकरण के अधिकारियों और यूनियन नेताओं के बीच वार्ता हुई थी। लेकिन इसमें भी अगले टेंडर तक इंतजार करने की बात कही गई। एबीएसएमसी के प्रदेश मंत्री बबलू पार्चा का कहना है, कि जबतक उनकी माँगें पूरी नहीं होतीं भूख हड़ताल जारी रहेगी। यूनियन की महिला मोर्चा की अध्यक्ष बबली देवी के अलावा राधिका, रविश और राधे पार्चा शामिल भूख हड़ताल पर बैठे हैं।
(Workers Unity से साभार)