27 जून। जाकिया जाफरी की याचिका रद्द होने के एक दिन बाद मानवाधिकार रक्षक और सिटीजंस फॉर जस्टिस एंड पीस (सीजेपी) की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस ने मुंबई स्थित उनके पैतृक आवास से गिरफ्तार कर लिया। सीतलवाड़ की गिरफ्तारी के बाद, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आरबी श्रीकुमार को भी अहमदाबाद में गिरफ्तार किया गया, जबकि पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट पहले से ही हिरासत में मौत के मामले के कथित आरोपों के तहत सलाखों के पीछे हैं। इन सबकी गिरफ्तारी के बाद से ही विभिन्न संगठन व सामाजिक कार्यकर्ता उनके समर्थन में उतर आए हैं।
अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन ने बयान जारी कर गिरफ्तारी की निंदा की है। यूनियन ने बयान जारी कर निंदा प्रस्ताव में लिखा है, ”देश की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात एटीएस द्वारा हिरासत में लिए जाने और उनके साथ अभद्र व्यवहार करने की खबर सभी को हैरान परेशान करनेवाली है। हम अखिल भारतीय वन-जन श्रमजीवी यूनियन सरकार की इस अन्यायपूर्ण और दमनकारी कार्यवाही की पुरजोर निंदा करते हैं।”
संगठन ने बयान में आगे लिखा है, ”तीस्ता जी लंबे समय से वंचितों, पीड़ितों और शोषितों की आवाज बनी थीं। सरकार ने इन सभी आवाजों का गला घोंटने के लिए यह निंदनीय कार्रवाई की है। याद रहे आज ही के दिन सन 1976 में देश में इमरजेंसी थोपते हुए लाखों निर्दोष लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया था। विडंबना है कि आज ही के दिन गुजरात पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार किया गया है। हम इसकी पुरजोर निंदा करते हुए तीस्ता जी के साथ खड़े हैं।”
संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत मैरी लॉलर ने ट्वीट कर कहा, “मैं गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में लिए जाने की खबरों से बेहद चिंतित हूँ। तीस्ता नफरत और भेदभाव के खिलाफ एक मजबूत आवाज हैं। मानवाधिकारों की रक्षा करना कोई अपराध नहीं है। मैं उनकी रिहाई और भारत सरकार द्वारा इस तरह के उत्पीड़न को बंद करने का आह्वान करती हूँ।”
एमनेस्टी इंडिया ने ट्वीट कर कहा, “प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को भारतीय अधिकारियों द्वारा हिरासत में लेना उन लोगों के खिलाफ सीधा प्रतिशोध है, जो अपने देश के मानवाधिकार रिकॉर्ड पर सवाल उठाने की हिम्मत करते हैं। यह एक डरावना संदेश है। यह नागरिक समाज के लिए देश में असंतोष जाहिर करने की गुंजाइश को और कम कर देता है।”
तमिल सिनेमा के जाने-माने अभिनेता प्रकाश राज ने कहा, “आप एक आवाज को जितना चुप कराने की कोशिश करेंगे, वह और तेज होती जाएगी।”
सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण ने कहा, “यह मोदी और शाह द्वारा गुजरात में उनकी भूमिका को बेनकाब करनेवाले बहादुर लोगों को परेशान करने की सोची-समझी करतूत है।”
स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा, “एक और विरोधी के उत्पीड़न का क्रम शुरू हुआ।”
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने भी तीस्ता सीतलवाड़ को अपना समर्थन दिया है।
विभिन्न जन संगठनों और कार्यकर्ताओं की ओर से तीस्ता सीतलवाड़ के प्रति समर्थन और उनकी गिरफ्तारी पर विरोध जताने का सिलसिला जारी है।