50 साल से किसानों को झूठे सपने बेचे गए ,किसान आंदोलन को अब बड़े मुद्दे से जोड़ना होगा
10 अगस्त। इंदौर में भारी बारिश के बावजूद संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित जय जवान जय किसान सम्मेलन में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 50 साल से किसानों को झूठे सपने बेचे गए जिसके चलते खेती बर्बाद हुई है।
योगेन्द्र यादव ने 186 किसानों के बकाये का मुद्दा उठाते हुए कहा कि चार चरणों की इस लड़ाई में तीन चरण आप जीत चुके हो, चौथे चरण का संघर्ष बाकी है, एकजुटता बनी रही तो वह भी आप जीतोगे। किसान, जवान और नौजवान की त्रिवेणी देश की हर समस्या का समाधान कर सकेगी और इसीलिए संयुक्त किसान मोर्चे ने जय जवान जय किसान सम्मेलन के देश भर में आयोजन किए हैं ।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने कहा कि सरकार में बैठे लोग पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए उपजाऊ भूमि हड़पो अभियान चला रहे हैं। इंदौर और आसपास की उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण का मामला भी ऐसा ही है। भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों को एकजुट होकर संघर्ष करना पड़ेगा।
सम्मेलन को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं सर्वश्री बादल सरोज, डॉ सुनीलम, विंग कमांडर अनुमा आचार्य, अनिल यादव, इरफान जाफरी, भगवान सिंह मीणा, प्रहलाद दास बैरागी सहित बाहर से आए विभिन्न वक्ताओं ने संबोधित किया और किसानों के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला।
सम्मेलन की शुरुआत प्रमोद नामदेव के क्रांति गीत से हुई, उसके बाद अतिथियों ने किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को पुष्पांजलि अर्पित की। सम्मेलन में 10 सूत्री प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें अग्निपथ योजना रद्द करने, एमएसपी गारंटी कानून बनाने, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्याज व सोयाबीन की भावांतर राशि और गेहूं का बोनस बकाया भुगतान करने, 186 किसानों का गेहूं का बकाया भुगतान मंडी निधि से करने, भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का तत्काल नगद भुगतान करने, इकोनामिक कॉरिडोर योजना में और लैंड पूलिंग एक्ट में उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण का विरोध करने, इंदौर के कृषि कॉलेज की भूमि के अधिग्रहण की कोशिशों का विरोध और खेतों में नीलगाय के आतंक से मुक्ति दिलाने संबंधी प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रस्ताव पर विचार रखते हुए सर्वश्री बबलू जाधव, दिनेश सिंह कुशवाहा, अरुण चौहान, रुद्रपाल यादव, शैलेंद्र पटेल, सोनू शर्मा, राधे जाट, रणजीत सिंह रघुवंशी आदि ने कहा कि इन सभी समस्याओं का समाधान किसानों की एकजुटता से ही संभव है। कृषि कालेज की भूमि बचाने के लिए एक प्रस्ताव अलग से पारित किया गया, उसी के साथ विदिशा में आदिवासियों पर की गयी फायरिंग की निंदा का प्रस्ताव भी पारित किया गया। सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि आगामी दिनों में मध्य प्रदेश के विभिन्न अंचलों में ऐसे सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और किसानों के विभिन्न मुद्दों पर लड़ाई तेज की जाएगी।
– रामस्वरूप मंत्री
बबलू जाधव