14 अगस्त। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आरक्षण की माँग को लेकर चार दिनों से अनवरत धरना चल रहा है। इसके साथ ही एक और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। सामाजिक विज्ञान संकाय की पी-एच.डी. प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया गया है। छात्रों ने आज आमरण अनशन का ऐलान कर दिया है। इतना ही नहीं, उन्होंने घोषणा की है कि वो स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को बीएचयू केंद्रीय कार्यालय पर तिरंगा फहराएंगे। बीएचयू के सेंट्रल ऑफिस में एनी बेसेंट फेलोशिप में एससी/एसटी/ओबीसी और ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन की माँग पर छात्र वीसी चेंबर के बाहर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएचयू के बहुजन इकाई के सदस्यों ने भी स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के साथ ही आमरण अनशन पर बैठने का निर्णय लिया है। देश के सभी संवैधानिक निकायों जैसे यूजीसी, शिक्षा मंत्रालय, मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस, ओबीसी और एससी/एसटी कमीशन आदि को लेटर लिखकर शिकायत भी करेंगे।
छात्रों की प्रमुख माँगें-
1) एनी बेसेंट फैलोशिप में संवैधानिक आरक्षण नियमों के तहत लागू किया जाए।
2) टॉप 5 परसेंटाइल नियमों में संवैधानिक आरक्षण लागू हो। इसके अनुरूप अलग-अलग कैटेगरी वाइज परसेंटाइल निकाला जाए।
3) टॉप 5 परसेंटाइल में भी आरक्षित आरक्षित वर्गों के अवसरों पर जैसे एडमिशन और नौकरी में आयु आदि योग्यता में दी जाने वाली 5 फीसद की छूट का प्रावधान किया जाए।
4) बीएचयू प्रशासन द्वारा एनी बेसेंट फैलोशिप के लिए जारी आदेश को तुरंत वापस लिया जाय। इसकी समस्त प्रक्रिया निरस्त की जाय।
5) आरईटी में न्यूनतम अंकों की अनिवार्यता खत्म की जाय। इससे अनुसूचित जाति-जनजाति की रिक्त सीटें भरी जाएं।
6) छात्रावासों में भी ओबीसी आरक्षण लागू हो।
7) टीच फॉर बीएचू के तहत आनेवाली सीटों में भी आरक्षण का प्रावधान हो।