प्रशासन की लापरवाही से जा रही है मासूमों की जान

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17 अगस्त। उच्च न्यायालय ने ओड़िशा के सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, जिससे बोरवेल, ट्यूबवेल आदि के गड्ढों में गिरने जैसी दुर्घटनाओं में किसी बच्चे की जान न जाए।

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय का यह फैसला सात साल की एक बच्ची के पिता माधव सोरेन by दायर याचिका के जवाब में आया है, जिसकी क्योंझर के घासीपुरा ब्लॉक में कोल्हाबेड़ा आश्रम स्कूल परिसर की दीवार गिरने से कुचलकर मौत हो गई थी।

कोर्ट का कहना है कि ओड़िशा के स्कूलों में कई मासूमों की जान इसी तरह गई है, जोकि एक पैटर्न में प्रतीत होती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी 9 जुलाई 2012 को नयागढ़ के रणपुर प्रखंड में सुआंसिया स्थित नेलिया उच्च प्राथमिक केंद्र में मौजूद आंगनबाड़ी की दीवार गिरने से सात मासूमों की मौत हो गई थी जिनको न्याय दिलाने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।

इसी तरह एक अन्य मामले में, कटक शहर के सुताहाट इलाके में मुख्य जल चैनल में गिरने से 7 सितंबर, 2011 को एक चार साल की बच्ची की जान चली गई थी।

– सुसन चाको एवं ललित मौर्य

(डाउनटुअर्थ से साभार)

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