लखीमपुर खीरी में किसानों का 75 घंटे का धरना

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18 अगस्त। अमर उजाला की एक खबर के अनुसार केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का 75 घंटे तक चलने वाला धरना गुरुवार सुबह शुरू हो गया। इस दौरान आसपास भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। धरनास्थल पर कमिश्नर और आईजी रेंज ने प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में रूट मार्च किया। किसान नेताओं के मंच पर पंजाब से आए जोगिंदर सिंह उग्राहां समेत विभिन्न किसान नेताओं, भाकियू नेता राकेश टिकैत, जय किसान आंदोलन के नेता योगेंद्र यादव के साथ-साथ मेधा पाटेकर भी मौजूद रहीं।

धरने में शामिल होने पंजाब से हजारों किसान बुधवार को ही उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी पहुंच गए थे। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में ‘न्याय’ की मांग के लिए 18 से 21 अगस्त तक 75 घंटों का विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

राकेश टिकैत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मांग की है कि तिकुनियां कांड में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि –

लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजश रचने के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।

लखीमपुर खीरी हत्याकांड में निर्दोष होते हुए भी जेल में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर मढ़े केस तुरन्त वापस लिए जाएं।

सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिश के अनुरूप सी-2 +50% फार्मूला से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।

किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत  वापस लिए जाएं।

बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।

भारत के सभी किसानों पर चढ़े कर्ज को एकबार पूरी तरह माफ किया जाए।

उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का जो बकाया है वो राशि तुरंत जारी की जाए।

वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को जमीन से बेदखल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।

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