बिलकिस बानो के पक्ष में बीएचयू गेट पर चला हस्ताक्षर अभियान

0

21 अगस्त। रविवार को बीएचयू गेट पर गुजरात दंगा प्रभावित गैंगरेप पीड़िता के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान आयोजित हुआ। यह आयोजन जॉइंट ऐक्शन कमेटी बीएचयू और दखल संगठन के नेतृत्व में हुआ। बीएचयू गेट से लंका रविदास चौराहे तक मार्च निकालकर बांटे गए पर्चे।

हस्ताक्षर अभियान स्थल पर हुई सभा में डॉ मुनीज़ा रफीक ख़ान ने कहा कि आज जब हमारा देश अपनी आज़ादी के 76वें साल का जश्न मना रहा है, मौजूदा सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है, करोड़ों रुपए के मीडिया कैंपेन के जरिए इसे एक बड़ा आयोजन बना रही है तब इसके विपरीत इन सब के बीच राष्ट्रीय आंदोलन और स्वतंत्रता के जिन मूल्यों की खातिर हमारे पूर्वजों ने अपनी कुर्बानी दी थी, वो नष्ट किए जा रहे हैं।

मैत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि एक तरफ 15 अगस्त 2022 को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने नारी सम्मान एवं नारी उत्थान की बात कही थी और उसी दिन दूसरी तरफ, गुजरात की भाजपा सरकार ने बिलकिस बानो के 11 बलात्कारियों एवं उसके अजन्मे बच्चे के हत्यारों को रिहा कर दिया। अपराधियों को प्री मेच्योर रिलीज कमिटी द्वारा रिहा किया गया, जिसमें स्थानीय भाजपा विधायक, नगरसेवक और आरएसएस के कार्यकर्ता शामिल थे। इन अपराधियों को भाजपा, आरएसएस और उसकी विचारधारा से जुड़े संगठनों द्वारा माला पहनाकर स्वागत किया गया।

प्रो आरिफ ने कहा कि बिलकिस बानो के गुनहगारों को रिहा कर दिया जाना देश की न्याय व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान है। क्या इस देश में किसी समुदाय विशेष का होना अपराध है? क्या किसी मुजरिम का किसी विशेष समुदाय से होने पर उसके गुनाह माफ हो जाता है। ऐसी घटनाएं हमारी समृद्ध विरासत पर धब्बा हैं। देश में हर दिन समानता, न्याय और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कुचला जा रहा है और सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि यह सब सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है।

डॉ इंदु पांडेय ने बतलाया कि बिलकिस बानो मामले में सरकार का कदम उसके बहुसंख्यकवादी एजेंडे के अनुरूप है और इसीलिए भाजपा नेताओं द्वारा इसकी प्रशंसा की जा रही है। साम्प्रदायिक नफरत भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है। हम देख रहे हैं कि कैसे सरकार द्वारा संस्थानों का इस्तेमाल भारत के लोगों की सेवा करने के बजाय अपने सांप्रदायिक एजेंडे को स्थापित करने और फैलाने के लिए किया जा रहा है। हम सांप्रदायिक नफरत, हिंसा और जनविरोधी नीतियों की राजनीति को खारिज करते हैं। हम बिलकिस बानो के लिए न्याय चाहते हैं और सभी 11 अपराधियों की समय पूर्व रिहाई का फैसला वापस लेने की मांग करते हैं।

हस्ताक्षर अभियान और मार्च में प्रमुख रूप से नीति, एकता, विजेता, वंदना, चंदा, प्रतिमा, साक्षी, आर्शिया, मृदुला मंगलम, उमाश्री, अनुज, इंद्रजीत राज अभिषेक, रामजनम, अर्जुन, शिव, बीना, शिवांगी, शबनम, काजल, दीक्षा, प्रिया, लंका गुमटी व्यवसायी कल्याण समिति के अध्यक्ष चिंतामणि सेठ, रवि शेखर, धनंजय, साहिल सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र युवा महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल रहे।

– इंदु पांडेय
दखल संगठन
जॉइंट एक्शन कमिटी – बीएचयू


Discover more from समता मार्ग

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment