22 अगस्त। पूरे मालवा निमाड़ में प्याज, लहसुन और आलू के भाव नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। वे मंडियों में आलू,, प्याज, लहसुन लाने के बजाय गांव में ही उन्हें नष्ट करने के का काम कर रहे हैं, क्योंकि पूरे इलाके की सभी मंडियों में लहसन 1 रुपए, प्याज ₹5 और आलू 6 या 7 रुपए किलो में बिक रहा है जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल रही है। मालवा निमाड़ के 20 जिलों में बहुतायत में पैदा होनेवाला लहसुन, प्याज इस साल कौड़ियों के मोल बिक रहा है। जिसके चलते किसान की आंखों में आंसू और चेहरे पर चिंता की लकीरें हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने बताया कि 2 माह पूर्व इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने देश के कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री से चर्चा की है और किसानों की शिकायत उन तक पहुंचाई है कि आलू प्याज और लहसुन के भाव अत्यंत गिर जाने से किसान परेशान हैं जिस पर दोनों मंत्रियों ने विश्वास दिलाया था कि आलू प्याज और लहसुन का निर्यात खोल दिया जाएगा। जिससे इन वस्तुओं के भाव फिर से ठीक हो जाएंगे और किसानों को नुकसान नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि निर्यात खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं । 2 माह पूर्व सांसद लालवानी द्वारा किए गए वादे और घोषणा का कहीं अता पता नहीं है, ना तो निर्यात चालू हुआ है और ना ही मंडियों में आलू प्याज और लहसुन के भाव बढ़े हैं।
इससे पूरे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है और जगह-जगह आंदोलन शुरू हो गए हैं या आंदोलन की तैयारियां चल रही हैं। इंदौर में भी संयुक्त किसान मोर्चा लहसुन प्याज के लाभकारी मूल्य दिलाने तथा प्याज और सोयाबीन के भावांतर की राशि का भुगतान किए जाने की मांग को लेकर आंदोलन की रूपरेखा बना रहा है। देवास, शाजापुर, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, जावरा, नीमच आदि में आंदोलन शुरू हो गया है। यदि सरकार अभी भी नहीं चेती तो पूरे मालवा निमाड़ अंचल में किसानों को बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी ।
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने सांसद शंकर लालवानी से भी मांग की है कि वे दो माह पूर्व अपने किए वादे और केंद्र सरकार के कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री द्वारा किए गए वादों को पूरा कराने के लिए प्रयास करें अन्यथा किसानों का रोष उन्हें भी झेलना पड़ेगा।