जमशेदपुर में बिलकीस बानो के गुनहगारों की रिहाई और जालौर में दलित बच्चे की बर्बर पिटाई का विरोध

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28 अगस्त। रविवार को जमशेदपुर के बिरसा चौक साकची गोलचक्कर पर साझा नागरिक मंच की ओर से गुजरात सरकार द्वारा 15 अगस्त को गैंगरेप और हत्या के 11 सजायाफ्ता अपराधियों की रिहाई और जालौर (राजस्थान) में अलग मटके से पानी पी लेने के कारण दलित बच्चे की सवर्ण शिक्षक के द्वारा जानलेवा पिटाई के विरोध में प्रतिवाद कार्यक्रम किया गया।

प्रतिवाद कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि केन्द्र सरकार भी हत्यारों और बलात्कारियों की रिहाई के अनैतिक और स्त्रीविरोधी फैसले में साझेदार है। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की चुप्पी निन्दनीय है। इन अपराधियों की रिहाई का आदेश वापस लेकर उन्हें अंतिम क्षण तक जेल में रखना चाहिए।

जालौर राजस्थान में 9 वर्ष के दलित बच्चे की सिर्फ इस कारण शिक्षक द्वारा जानलेवा पिटाई की गयी कि उसने उस सवर्ण शिक्षक की मटकी से पानी पी लिया था। प्यासे बच्चों तक को पानी पी लेने पर अपराधी मान लेनेवाली मनुवादी जातिवादी मानसिकता संविधान में दर्ज छुआछूत के निषेध के प्रावधान पर हमला है, मानवीय संवेदना पर आघात है। ऐसे शिक्षक को नौकरी से तत्काल बर्खास्त करना और तीव्र सुनवाई कर सजा दिलाना आवश्यक है।

इस कार्यक्रम को अपने सहभाग से सफल बनाने में सुजय राय, रामकवीन्द्र सिंह, मंथन, सुखचन्द्र झा, अशोक शुभदर्शी, मुरारी प्रसाद, रामबचन, देवाशीष, मनोहर मंडल, सुरेश प्रसाद, गणेश राम, सुरेश प्रसाद, कुमार दिलीप, दीपक रंजीत, तौहीद्दुल हसन, सुनील हेम्ब्रम, शंकर नायक, लिली, श्यामली राय, राजश्री, श्याम किशोर, विमल किशोर, उदय हयात, अमरेन्द्र कुमार, जितेन्द्र शर्मा, सुमित राय, डीएनएस आनन्द, रूस्तम, उजागिर समदर्शी, सुनील विमल, उपेन्द्र बानरा, सोनी देवगम, सुरजीत सिंह, गौतम बोस, अवधेश कुमार, मुश्ताक अहमद, सत्यम, वीरेन्द्र साव, देवेन्द्र, एमए मकी, शमीम आदि की भूमिका रही।

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